बिजली, स्वास्थ्य और क़ानून व्यवस्था के मुद्दों पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नारेबाजी
LNN। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सत्र के पहले दिन प्रातः सदन में जैसे ही राष्ट्रगीत वन्देमातरम्’ पूर्ण हुआ।
वैसे ही विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्य हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने आगये।
और बिजली, स्वास्थ्य और क़ानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर नारेबाजी शुरू कर दिया।
इसके साथ ही अन्य दलों ने भी अपने – अपने तरीके सरकार को घेरा, खासकर बिजली की बढ़ी हुयी दरों को लेकर सभी दल विरोध पर आमादा रहे।
सभी ने बढे हुए बिजली के दामों को तुरंत वापस लेने की मांग सरकार से की।
शोर शराबा होते देख विधानसभाध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने पहले तो अपने आसन से सभी को शांत कराने की कोशिश की,
उत्तर प्रदेश विधानसभा -ध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने सत्र को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
इसके बाद स्थगन का समय बीतने पर जब फिर से विपक्षी दल के सदस्य शांत नहीं दिखे तो स्थगन की अवधि को बढ़ा दिया गया।
सत्तापक्ष ने कहा विपक्ष कर रहा नौटंकी।
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सरकार के प्रवक्ता मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विपक्ष द्वारा किये जा रहे हंगामे पर कहा कि यह सब समाजवादी पार्टी की नौटंकी है।
क्योंकि जनता ने पहले विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव दोनों में इस पार्टी को नकार दिया है।
इसलिये यह लोग जो जनता का समर्थन पूरी तरह खो चुके हैं,।
जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह सब हंगामा कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि यह लोग कह रहे हैं कि बिजली के दाम बढ़ने से किसान परेशान हो रहा है।
जबकि किसान जश्न मना रहा है कि पहली बार किसी सरकार में भरपूर बिजली मिलरही है।
तथा डीजल इंजन के माध्यम से सिंचाई पर आने वाले कई गुने खर्च से उसे निजात मिली है।