कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की
नई दिल्ली।LNN। गुजरात विधानसभा चुनाव कुछ महीनों से राजनीतिक अखाड़े में लड़ी जा रही लड़ाई को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा दिया।
पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कम से कम 25 फीसद वीवीपीएटी वोटों का मिलान ईवीएम से कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की गुहार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की इस अर्जी को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस की ओर से दाखिल याचिका पर अविलंब सुनवाई करने का अनुरोध किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि कांग्रेस की अर्जी में कोई मेरिट नहीं है,
लेकिन गुजरात कांग्रेस चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर रिट याचिका दाखिल कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि किसी एक दल की चिंताओं को दूर करने के लिए अदालत चुनाव आयोग के कामकाज में दखल नहीं दे सकती है।
मालूम हो कि ईवीएम पर सवाल उठने के बाद उसमें वीवीपीएटी की व्यवस्था की गई, ताकि मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकें।
ईवीएम को लेकर कई राजनीतिक दल पूर्व में भी सवाल उठा चुके हैं।
इसके बावजूद कांग्रेस इसको लेकर अदालत पहुंच गई।
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने पार्टी का पक्ष रखा।
भाजपा और कांग्रेस दूसरे चरण के मतदान के बाद से ही आमने-सामने हैं।
इतना ही नहीं पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को चुनाव आयोग के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय का घेराव करने के लिए मार्च भी निकाला था,
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लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया था।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर गुरुवार को एग्जिट पोल जारी किए गए थे।
दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है।
गुजरात में कांग्रेस पिछले 22 वर्षों से सत्ता से बाहर है,
जबकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने एग्जिट पोल में दिखाए गए परिणाम को नकार दिया है।
उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को ये आंकड़े यूं ही रह जाएंगे।
राहुल गांधी ने गुजरात में प्रचार की कमान खुद संभाल रखी थी।
विधानसभा चुनावों के दौरान ही राहुल को पार्टी का अध्यक्ष भी चुन लिया गया था।