1 फरवरी से लागू होगा ई-वे बिल
नई दिल्ली. ई-वे बिल को जीएसटी काउंसिल ने इमरजेंसी मीटिंग में 1 फरवरी से लागू करने पर सहमति जता दी है.
यह ट्रांसपोर्टेशन के आधार पर दो तरह से लागू होगा.
इंटर स्टेट ई-वे बिल के लिए काउंसिल ने 1 फरवरी 2018 की डेडलाइन तय की है.
जबकि इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 1 जून 2018 से लागू करने का फैसला किया गया है.
डेडलाइन से पहले इस बिल का ट्रायल करने की डेडलाइन तय की गई है जो 16 जनवरी से शुरू होगी.
इसके लागू होने से सरकार के लिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुआई में इमरजेंसी मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुई.
यह मीटिंग इसलिए अहम मानी जा रही थी, क्योंकि अक्टूबर में बीते महीने की तुलना में जीएसटी रेवेन्यू 12 हजार करोड़ रुपए घटा है.
जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी टैक्स कलेक्शन में आई कमी का रिव्यू किया.
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 83 हजार 346 करोड़ रुपए रहा जो बीते तीन महीने के टैक्स कलेक्शन से कम है.
सितंबर में टैक्स कलेक्शन 95 हजार 131 करोड़ रुपए हुआ था.
मीटिंग में सिस्टम और टैक्स चोरी के गैप को कम करना अहम मुद्दा रहा.
ई-वे बिल में 50 हजार रुपए से ज्यादा के अमाउंट के प्रोडक्ट की राज्य या राज्य से बाहर ट्रांसपोर्टेशन या डिलीवरी के लिए सरकार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए पहले ही बताना होगा.
यह वैलिडिटी प्रोडक्ट ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगी.
राज्य के अंदर ही स्टॉक ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा.
जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में स्टॉक भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा.