सरकार की आगे वेतन आयोग लागू करने की योजना नहीं!
नई दिल्ली। इस बार सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला यह 7 वां वेतन आयोग आखिरी हो सकता है.
मतलब इसके बाद सरकार आगे कोई आयोग लागू करने की योजना नहीं है.
आयोग की सिफारिशों को आए हुए 18 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है.
लेकिन अब भी न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.
बढ़ोत्तरी को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति है.
पिछले दो महीनों से केंद्र सरकार कर्मचारियों को यह आश्वासन दे रही है कि फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में 7वें वेतन आयोग के तहत इजाफा किया जाएगा.
लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय कर्मियों के न्यूनतम वेतन में इजाफे को टाला भी जा सकता है.
वित्त मंत्री ने अगले साल की शुरुआत में न्यूनतम वेतन में इजाफे का दिया था आश्वासन
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अगले साल की शुरुआत में न्यूनतम वेतन में इजाफे का आश्वासन दिया था.
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बात की संभावना बेहद कम है.
सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के मिनिमम बेसिक पे में कोई इजाफा करेगी.
केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों की ओर से भी लगातार मांग की जा रही है.
उनके न्यूनतम वेतन को 18,000 से बढ़ाकर 26,000 रुपये किया जाना चाहिए.
जस्टिस एके माथुर के नेतृत्व वाले 7वें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 18,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की सिफारिश की थी.
हालांकि पिछले दिनों खबर आई थी कि न्यूनतम सैलरी में इजाफे का फिलहाल कोई स्कोप नहीं है.
पिछले महीने ही कई कर्मचारी यूनियनों ने न्यूनतम वेतन में इजाफे की मांग करते हुए तीन दिन का धरना भी दिया था.
आपको बता दें कि इस बार सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला यह वेतन आयोग आखिरी हो सकता है.
मतलब इसके बाद सरकार आगे कोई वेतन आयोग लागू करने के मूड में नहीं दिख रही है.
इसके बाद वेतन आयोग लागू करने का सिस्टम ही खत्म कर दिया जाएगा.
सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो जाएगी.
केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारी और 52 लाख पेंशनर्स सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।