यूपीकोका विधेयक का विपक्ष कर रहा विरोध
लखनऊ। यूपीकोका विधेयक (UPCOCA) उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज पास हो गया है।
विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बावजूद योगी सरकार ने विधेयक कल विधानसभा में पेश किया और आज यह पास हो गया।
योगी सरकार की ओर से संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए यूपीकोका एक प्रयास है।
नए कानून के तहत अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जबरन मकान और जमीन पर कब्जा, वेश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे अपराध शामिल होंगे।
यूपीकोका विधेयक विपक्षी दल सपा-बसपा की गैरमौजूदगी में पास हुआ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 20 दिसंबर को इस विधेयक को पेश किया गया था।
महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा प्रदेश बन गया है, जो इतना सख्त कानून लागू करने जा रहा है ।
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लगातार यूपीकोका का विरोध कर रही हैं।
उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ होगा।
बीएसपी इस कानून का विरोध करती है और व्यापक जनहित में इसे वापस लेने की मांग करती है।
उन्होंने यूपीकोका को जनता के लिए अभिशाप तक कह डाला।
मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी जाति और संप्रदाय के आधार पर पक्षपात कर रही है।
बीजेपी तमाम कानून का गलत इस्तेमाल करती है।
विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी भी इसके खिलाफ है।
उसका कहना है कि इस कानून का दुरुपयोग सरकार विरोधियों को दबाने के लिए कर सकती है।