मुंबई में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए छोड़े गए आंसू गैस के गोले
मुंबई.भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की पुणे में आयोजित 200 वीं सालगिरह पर एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसक झड़प में एक शख्स की मौत हो गई और कई घायल हो गए उसके बाद मुंबई के कई हिस्सों में धारा 144 लगा दी गई है.
इस मामले पर महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकार ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है.मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.संपत्ति को नुकसान पहुंचा है एक शख्स की भी मौत हुई है. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
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महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मारे गए युवक के परिवार वालों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा की.इस मामले पर केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि उन्होंने मुख्य मंत्री फडणवीस से बात की है.
सैकड़ों की तादाद में गुस्साए लोगों ने मुलुंद, चेम्बुर, भांडुप, विख्रोली के रमाबाई आंबेडकर नगर और कुर्ला के नेहरू नगर में ट्रेन को रोक दिया.
एनसीपी नेता शरद पवार ने ट्विटर पर स्थानीय प्रशासन को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि प्रशासन को मालूम था कि इतने लोग समारोह में मौजूद रहेंगे, लेकिन वह फिर भी स्थिति को काबू नहीं कर पाया.
चेम्बुर में शिव सेना शाखा अॉफिस के दरवाजे को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया है. पुणे के हड़पसर और फुर्सुंगी में बसों के साथ तोड़फोड़ की गई है.अहमदनगर और औरंगाबाद जाने वाली बसों को रद्द कर दिया गया है.
पुलिस के मुताबिक दलित समुदाय के 5 लाख से ज्यादा लोग भीम कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पुणे शहर में जमा हुए थे.इस लड़ाई में ब्रिटिश सेनाओं ने 1 जनवरी 1818 को पेशवाओं की सेना को शिकस्त दी थी.हर साल एक जनवरी को हजारों दलित जयस्तंभ तक मार्च करते हैं.
पिछले वर्षों पर नजर डालें को कभी हिंसा का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। इस साल किसी अन्य झगड़े के कारण भीम कोरेगांव के आसपास के इलाकों में तनाव पसरा हुआ था.
अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षाबल तैनात किया था. लेकिन सोमवार की सुबह सैकड़ों लोग (ज्यादातर मराठा समुदाय के) वधु बुद्रुक गांव में जमा हो गए. सुबह तक सब ठीक था, लेकिन दोपहर को कोरेगांव भीम और आसपास के सनसवाड़ी, शिकरापुर और अन्य जगहों से हिंसक झड़प की खबरें आने लगीं.