बदल गया तीन मूर्ति चौक का नाम हुआ तीन मूर्ति हाइफा चौक
नई दिल्ली:LNN:इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिवसीय यात्रा के पर दिल्ली पहुंच गए हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ उनकी पत्नी सारा नेतन्याहू का पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया.
इसके बाद वो सबसे पहले तीन मूर्ति चौक गए.
प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के साथ 130 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है.
ऐसा 15 साल बाद हुआ है कि कोई इजरायली प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आया है.
तीन मूर्ति स्मारक पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दी
भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि
इजरायल के प्रधानमंत्री साथ पीएम मोदी और सारा नेतन्याहू भी मौजूद रहे. दरअसल, तीन मूर्ति स्मारक का इजरायल से गहरा संबंध है.
यही वजह है कि इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया है.
भारत दौरे में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू मुंबई, अहमदाबाद और आगरा जाने का भी कार्यक्रम है.
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इजरायली प्रधानमंत्री के साथ बेबी मोशे भी भारत आ रहा है. बेबी मोशे के माता-पिता की 26/11 के मुंबई हमलों में मौत हो गई थी.
मोशे की उम्र अभी 11 साल है, 2008 के आतंकवादी हमले के समय मोशे दो साल का था.
पिछले साल 5 जुलाई को यरुशलम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोशे ने कहा था, ‘उम्मीद है कि मैं मुंबई की यात्रा कर सकूंगा और बड़े होने पर वहां रह भी सकूंगा.’
तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘भारत आओ और मुंबई में रहो. तुम्हारा बहुत स्वागत है.
आप को और आपके परिवार को लंबे समय तक रहने का वीजा मिलेगा.
आप कभी भी आ सकते हैं और कहीं भी जा सकते हैं.
क्यों बदला गया तीन मूर्ति चौक का नाम
हाइफा की लड़ाई 23 सितंबर 1918 को लड़ी गई थी.
देश में अंग्रेजों का राज था और अंग्रजों ने जोधपुर, हैदराबाद, मैसूर रियासत की सेना को हाइफा पर कब्जा करने के आदेश दिए और उसके बाद भारतीय सैनिकों ने हाइफा में तुर्की की सेना का सामना किया.
यह लड़ाई उस वक्त हुई, जब जर्मनी के साथ संबद्ध शक्तियों और तुर्क साम्राज्य के बीच एक के बाद एक लड़ाई हो रही थी, जिसे सिनाई और फिलिस्तीन अभियान कहा जाता था.