Israel और भारत के बीच 9 हुए समझौते
नई दिल्ली:LNN:Israel के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के छह दिन के दौरे का आज दूसरा दिन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Israel पीएम नेतन्याहू के बीच आज बीच 9 समझौते हुए है.
मोदी और नेतन्याहू की बातचीत में दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड अग्रीमेंट पर भी बातचीत हुई.
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इसके बाद 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो साइबर सिक्यॉरिटी, पेट्रोलियम, एयर ट्रांसपॉर्ट, स्पेस, होम्योपैथी, निवेश, बैटरी, सोलर थर्मल और जॉइंट फिल्म प्रोडक्शन से हैं.
इस्राइल में भारतीय कल्चरल सेंटर बनाने की भी बात कही गई है.
बैठक के बाद पीएम मोदी और नेतन्याहू ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता करते हुए बयान जारी किया.
प्रेस के सामने संबोधन में मोदी ने नेतन्याहू का स्वागत हिब्रू भाषा में किया और मेरे दोस्त बीबी (नेतन्याहू का घरेलू नाम) कहकर संबोधित किया.
नेतन्याहू ने भी मेरे दोस्त नरेंद्र कहा.उन्होंने यह भी कहा कि जब भी आप योग करेंगे, मैं साथ रहूंगा।
वार्ता के दौरान इजरायल ने भारत के समक्ष फिलिस्तीन और यरुशलम का मुद्दा उठाया,जिस पर भारत ने भी अपना पक्ष रखा.
दोनों देशों के संबंधों पर इस मुद्दे को रिश्तों पर हावी नहीं होने दिया जाएगा इस को लेकर दोनों देश इस बात पर सहमत हैं.
साझा बयान में फिलिस्तीन मुद्दे का कहीं जिक्र नहीं
दोनों देशों के साझा बयान में फिलिस्तीन मुद्दे का कहीं जिक्र नहीं था.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि पश्चिम एशिया के हालात पर भी चर्चा हुई है.
दोनों नेताओं की बातचीत में कृषि, साइंस-टेक्नॉलजी और रक्षा में सहयोग बढ़ाने का इरादा जताया गया.
तेल, गैस और साइबर सिक्यॉरिटी को नए विषयों के तौर पर चुना गया.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि बातचीत में फिलिस्तीन का भी मुद्दा उठा.
उन्होंने कहा कि हमने फिलिस्तीन और यरुशलम दोनों मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दिया है.
विदित हो कि इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में यरुशलम को राजधानी मानने को लेकर भारत का रुख चर्चा में था.
अमेरिका ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देते हुए अपना दूतावास वहां ले जाने का फैसला किया.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी खिलाफ प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया.
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इजरायली कंपनियों को भारत में उदार विदेशी निवेश व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए कहा है.
इजरायली कंपनी के साथ मिलकर भारत में स्पाइक नाम से ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बनाने की योजना वापस ले ली थी.
इसे भारत और इजरायल के रक्षा संबंधों के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया था.
जारी साझा बयान में कहा गया है कि इजरायली कंपनियां भारत में जॉइंट वेंचर के लिए तैयार हैं.
2018 में दोनों देशों के रक्षा मंत्री बात करें जिसमें प्राइवेट और सरकारी कंपनियां भी शामिल हों.
साझा बयान में आतंकवाद के खिलाफ कड़े उपायों की बात की गई है,
लेकिन सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया.
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इजरायली पीएम के सम्मान में लंच दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली जुलाई में ही इजरायल की ऐतिहासिक यात्रा की थी.