FDI भारत में निवेश का 22 प्रतिशत हिस्सा मॉरीशस का

गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में एफडीआई का अधिक हिस्सा

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बाजार मूल्य पर FDI में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा रहा आधा.

मुंबई :LNN: FDI भारत में अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक विदेशी निवेश किस देश से होता होगा?आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर और जापान भारत में FDI के मामले में चौथे और पांचवे स्थान पर हैं.

भारत में हुए कुल विदेशी निवेश का 22 प्रतिशत हिस्सा मॉरीशस का है.

आरबीआई की हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि FDI भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत देश मॉरीशस है.

मॉरीशस का भारत में निवेश के मामले में नंबर 1 होना चौंकाता है.

टैक्स हैवन मॉरीशस को हवाला के जरिए भारत के ब्लैक मनी को वाइट करने का रूट भी माना जाता है.

रिजर्व बैंक की शुक्रवार को जारी 2016-17 की एफडीआई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर और जापान भारत में निवेश के मामले में चौथे और पांचवे स्थान पर हैं.

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भारत में हुए कुल विदेशी निवेश का 21.8 प्रतिशत हिस्सा मॉरीशस का है.

भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों की विदेशी देनदारी और संपत्ति नामक आरबीआई की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है

इसमें कहा गया है, रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट के लिए जानवारी वाली कंपनियों में से मार्च 2017 की स्थिति के अनुसार 96 प्रतिशत कंपनियां गैर-सूचीबद्ध कंपनियां हैं.

इनमें से ज्यादातर कंपनियों में सीधे एफडीआई प्राप्त हुआ था.

FDI के मामले में सिंगापुर और जापान भारत में चौथे और पांचवे स्थान पर

भारत से विदेशों में किए जाने वाले प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) को हासिल करने के मामले में सिंगापुर 19.7 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ा विदेशी स्थान रहा.

सूचीबद्ध कंपनियों के बजाए गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में एफडीआई का अधिक हिस्सा है.

आरबीआई की शुक्रवार को जारी 2016-17 की एफडीआई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों की विदेशी देनदारी और संपत्ति नामक आरबीआई की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

रिजर्व बैंक द्वारा की गई गणना में शामिल 18,667 कंपनियों में से 17,020 कंपनियों के मार्च 2017 में समाप्त वित्त वर्ष को शामिल किया गया.

कंपनियों के खाते में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या फिर विदेशों में उनके प्रत्यक्ष निवेश की स्थित को शामिल किया गया.

रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट के लिए जानवारी वाली कंपनियों में से मार्च 2017 की स्थिति के अनुसार 96 प्रतिशत कंपनियां गैर-सूचीबद्ध कंपनियां हैं.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिन 15,169 कंपनियों ने एफडीआई होने की जानकारी दी है.

कंपनियों में से 80 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपनी विदेशी कंपनियों की अनुषंगी हैं.

इनमें से ज्यादातर कंपनियों में सीधे एफडीआई प्राप्त हुआ था.

FDI में मॉरीशस के बाद अमेरिका और ब्रिटेन

सूचीबद्ध कंपनियों के बजाए गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में एफडीआई का अधिक हिस्सा है.

यानी उनके किसी एक विदेशी निवेशक के पास 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्राप्त एफडीआई में बाजार मूल्य के हिसाब से मॉरीशस का सबसे ज्यादा 21.8 प्रतिशत हिस्सा है.

इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, जापान और सिंगापुर का स्थान रहा है.

इसके बाद हॉलैंड, मॉरीशस और अमेरिका का स्थान रहा.

आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय एफडीआई कंपनियों के मुकाबले गैर वित्तीय एफडीआई कंपनियों में काफी ज्यादा हिस्सेदारी देखी गई है.

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