नई दिल्ली:LNN: Padmavat Controversy सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैन हटाने के आदेश के बावजूद रूकने का नाम ले रही हैं.
जंहा 25 जनवरी को प्रदर्शन के लिये तैयार संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन पर से,
बैन हटाने के आदेश में बदलाव के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन का कारण बनी Padmavat Controversy
वहीं देश के कई हिस्सों में जगह जगह इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं.
करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह ने देशभर में सामाजिक संगठनों से फिल्म की रिलीज न होने देने लिए कहा है.
बरेली में भुवनेश्वर सिंह ने कल कहा था कि दीपिका पादुकोण को अग्निकुंड में फेंकेगा,
उसे हमारा संगठन अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा एक करोड़ रुपये का ईनाम देगा.
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भुवनेश्वर सिंह पर आज बरेली में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
पद्मावत के खिलाफ गुजरात में राजपूत संगठनों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.
इस बीच करणी सेना के भारी विरोध के डर से गुजरात सरकार ने 100 रास्तों पर राज्य परिवहन निगम की बसों के संचालन पर रोक लगा दिया है.
मध्य प्रदेश और राजस्थान द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब मंगलवार को सुनवाई करेगा.
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फिल्म प्रदर्शन पर प्रतिबंध के राज्य सरकारों के आदेश को रद्द किया था.
इसके बाद अब एक बार फिर मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंची हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि यदि कोई फिल्म नहीं दिखाता है तो यह अच्छा होगा.
लेकिन यदि कोई दिखाता है तो उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हमारी ड्यूटी है.
हरियाणा के मंत्री अनिल विज का कहना था कि उनकी सरकार फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने लोगों को इस फिल्म के गाने बजाने के खिलाफ भी चेतावनी दी.