Economic Survey : भविष्य में महंगाई बढ़ने की जताई गई आशंका

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बजट सत्र में Economic Survey किया गया पेश

नई दिल्ली:LNN: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद में Economic Survey पेश किया.

मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.75 फीसदी हो सकती है. इसमें सरकार ने विकास दर 7 से 7.50 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

हिंदी और अंग्रेजी में पेश किए गए इस Economic Survey में भविष्य में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई गई है.

Economic Survey में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई गई है.

ससंद में आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद भी शेयर मार्केट लगातार ऊपर जा रहा है.

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आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया है.

अप्रत्यक्ष कर देनेवालों की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है.

जीएसटी में छोटे उद्यमों का भी स्वैच्छिक पंजीकरण बढ़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वे बड़े उद्यमों से खरीदारी करते हैं,

और खुद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट्स का लाभ उठाना चाहते हैं.

नई कर प्रणाली अपनाने से प्रमुख उत्पादक राज्यों के टैक्स कलेक्शन में कमी आने की आशंका भी निराधार साबित हुई है.

ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यों के बीच जीएसटी आधार के वितरण को उनकी अर्थव्यवस्थाओं के आकार से जोड़ दिया गया है.

इसी तरह नवंबर 2016 से लेकर अब तक व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करनेवालों की संख्या लगभग 18 लाख बढ़ी है.

सरकार का जोर इस बार पैसे जुटाने पर नहीं बल्कि विकास के लिए पैसे खर्च करने पर होगा.

आर्थिक सर्वे में पब्लिक इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने की बात भी सामने आई है.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि देश में पहली बार राज्यों के अंतरराष्ट्रीय निर्यात से जुड़े आंकड़ों को आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल किया गया है.

पर्यावरण प्रदूषण पर आर्थिक सर्वे में चिंता जताई

इन आंकड़ों से एक्सपोर्ट परफॉर्मेंस और राज्यों में रहनेवाले लोगों के जीवन स्तर के बीच मजबूत संबंध के बारे में संकेत मिलता है.

वैसे जो राज्य अंतरराष्ट्रीय निर्यात करते हैं और अन्य राज्यों के साथ व्यापार करते हैं,वे अपेक्षाकृत अधिक समृद्ध पाए गए हैं.

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि एक्सपोर्ट में सुधार देखने को मिल सकता है.

इस साल चालू खाता घाटा 1.5 से लेकर 2 फीसदी तक रह सकता है.

वहीं वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.

मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि में 2.1 फीसदी की ग्रोथ हो सकती है.

आंकड़े देते हुए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि बचत में वृद्धि से आर्थिक विकास नहीं हुआ

जबकि निवेश में वृद्धि से आर्थिक विकास निश्चित तौर पर हुआ.

सर्वे में भारतीय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन और इस वजह कृषि पैदावार पर हुए व्यापक प्रतिकूल असर को भी रेखांकित किया गया है.

तापमान में हुई अत्यधिक बढ़ोतरी के साथ-साथ बारिश में हुई कमी को भी भारतीय नक्शे पर दर्शाया गया है.

इसके साथ ही इस तरह के आंकड़ों से कृषि पैदावार में हुए परिवर्तनों को भी ग्राफ में दर्शाया गया है.

इस तरह का असर सिंचित क्षेत्रों की तुलना में गैर-सिंचित क्षेत्रों में दोगुना पाया गया है।

उधर बजट सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने भी कहा कि सपने पूरे करने वाला बजट लेकर आएंगे.

आर्थ‍िक सर्वेक्षण अथवा इकोनॉमिक सर्वे पिछले साल बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा तैयार करता है.

इससे पता चलता है कि सरकार ने पिछले साल कहां-कहां कितना खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को कितनी सफलतापूर्वक निभाया.

इसके साथ ही सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले साल अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रही.

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