Rahul Gandhi targets Prime Minister:विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे घोटालेबाज भारत से गायब
नई दिल्ली:LNN: Congress president Rahul Gandhi ने मेघालय के जोवाई में बुधवार को एक चुनावी रैली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने बड़े जादूगर हैं कि लोकतंत्र को भी गायब कर दें.
मेघालय में 27 फरवरी को चुनाव होने हैं.
मेघालय के जोवाई में Congress president Rahul Gandhi ने एक चुनावी रैली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने बड़े जादूगर हैं कि लोकतंत्र को भी गायब कर दें.
राज्य में पिछले तीन बार से कांग्रेस की सरकार है.
कांग्रेस पार्टी मुकुल संगमा के तौर पर कांग्रेस के चौथे मुख्यमंत्री की उम्मीद कर रही है
उन्होंने ने रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और उन्हें ‘जादूगर’ कहकर तंज कसा.
Congress president Rahul Gandhi पीएनबी घोटाले समेत कई घोटालों के आरोपियों का जिक्र कर रहे थे.
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राहुल गांधी ने घोटाले के आरोपियों के देश छोड़कर भागने के पीछे पीएम मोदी का हाथ होने का आरोप लगाया.
मेघालय के जोवाई में रैली में राहुल गांधी ने कहा-प्रधानमंत्री की छवि एक बड़े जादूगर की हो गई है.
प्रधानमंत्री अपनी उंगलियों के इशारों पर चीजों को प्रकट और गायब कर सकता है.
मोदी जी का जादू भारत से बहुत जल्द लोकतंत्र को भी गायब कर सकता है
वह अनायास ही कई चीजें प्रकट और गायब कर चुके हैं.
उन्होंने कहा- ”विजय माल्या, ललित मोदी और नीरव मोदी जैसे घोटालेबाज जादुई तरीके से भारत से गायब होकर विदेशों में उन जगहों पर प्रकट हो गए जहां भारतीय कानून काम नहीं करता है.
मेघालय में 60 सीटों के लिए मतदान होना है.
राहुल गांधी ने विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे घोटाले के आरोपियों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार को हटा तो नहीं सकती है.
लेकिन इसमें अपनी सक्रिय संलिप्तता जरूर कर रही है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम दिलाने में नाकाम रही.
राहुल गांधी ने कहा- ”चार साल पहले हमारे देश के प्रधानमंत्री ने देशवासियों को सपने बेचे, अच्छे दिन और हर एक खाते में 15 लाख रुपये, दो करोड़ रोजगार आदि…
भारत के आदिवासियों ने सोचा कि उन्हें भी बराबरी से हिस्सा मिलेगा और उनकी जमीनें, परंपराएं और संस्कृति महफूज हो जाएगी.
लेकिन जैसे ही यह सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में जाती है, उम्मीदें, सुरक्षा और आर्थिक तरक्की देने के बजाय यह लोगों से केवल निराशा, बेरोजगारी, डर, नफरत और हिंसा की डील करती है.”