Unnao gang rape case:इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया आदेश पीड़िता के पिता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाए, अगर पहले ही ऐसा ना किया जा चुका हो
लखनऊ:LNN: योगी सरकार अब ऐक्टिव मोड में आ गई है और एसआईटी जांच का आदेश दिया है.
Unnao gange rape case इलाहाबाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में पहुंच गया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जबकि शीर्ष अदालत ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज आदेश दिया कि Unnao gange rape case पीड़िता के पिता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाए, अगर पहले ही ऐसा ना किया जा चुका हो.
पीड़िता ने भाजपा के एक विधायक, उसके भाई और उसके सहयोगियों पर उससे दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.
पीड़िता लड़की के पिता की कल हिरासत में मौत हो गई थी.
मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने वरिष्ठ वकील गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी द्वारा घटना के बारे में एक पत्र का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया, पत्र में घटना की जानकारी दी है.
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अदालत ने कहा, ‘‘अगर अंतिम संस्कार नहीं किया गया हो तो ऐसा नहीं किया जाए’’ चतुर्वेदी ने इस अपराध और पीड़िता के पिता की मौत की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की.
अदालत इस मामले में कल 12 अप्रैल को सुनवाई करेगा.
पीठ ने महाधिवक्ता को सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया.
ताकि अदालत को मामले के बारे और इस पर की जा रही कार्रवाई के बारे में उसे अवगत करा सकें.
पीड़िता के पिता का अंतिम संस्कार कल, 10 अप्रैल को ही हो गया है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले पर राज्य सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए भी कहा
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या महिला के पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
पुलिस ने महिला के सामूहिक बलात्कार और उसके पिता की हिरासत में मौत के संबंध में कल भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया था.
उच्चतम न्यायालय भी उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा.
दूसरी तरफ गैंगरेप पीड़िता ने भावुक अपील कहते हुए कहा,’मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय दिलाने की मांग करती हूं.
मुझे डीएम ने एक होटल के कमरे में बंद कर दिया था और पानी तक नहीं दिया गया.
मैं सिर्फ यह चाहती हूं कि मामले में दोषियों को सजा दी जाए.