यूपी सरकार ने कानून में संशोधन कर जो नई व्यवस्था दी थी,वह है असंवैधानिक:supreme court
लखनऊ/नई दिल्ली:LNN:supreme court ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश सुनाया है.
supreme court ने अपने फैसले में साफ किया कि कोई शख्स एक बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ देने के बाद आम आदमी हो जाता है.
शीर्ष अदालत ने सोमवार को लोक प्रहरी संस्था की याचिका पर यह फैसला सुनाया.
Supreme Court quashed the law passed by Uttar Pradesh govt granting permanent residential accommodation to former Chief Ministers of the state. The Court in its order said that Former CMs of the state are not entitled to government bungalows. pic.twitter.com/8VBRl4KKnY
— ANI (@ANI) May 7, 2018
यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है,
जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का आधिकार दिया गया था.
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शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐक्ट का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है.
शीर्ष अदालत के इस फैसले को यूपी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है.
While striking down the UP govt ‘s law granting permanent residential accommodation to former CMs, Supreme Court said, Section 4(3) of UP Ministers (salaries, allowances & miscellaneous provisions) Act, 2016 is unconstitutional.
— ANI (@ANI) May 7, 2018
supreme court के इस आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने होंगे,
उनमें मुलायम सिंह यादव, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, BSP प्रमुख मायावती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व CM नारायण दत्त तिवारी और अखिलेश यादव शामिल हैं.
स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे.
इन सभी को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से राज्य सरकार की ओर से सरकारी बंगला मिला हुआ है.
पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने के लिए राज्य सरकार ने एक नीति बनाई थी.
इसे सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 में मनमाना नियम बताते हुए रद्द कर दिया था. इसके बाद यूपी सरकार ने दोबारा कानून बना दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने अब इस कानून की वैद्यता को भी खत्म कर दिया है.
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘एक बार सीएम अपना पद छोड़ दे तो वह आम आदमी के बराबर है.