Congress से अभी दोनों पार्टियों ने दूरी बनाई हुई है.माना जा रहा है कि अखिलेश यादव तीसरे मोर्चे के साथ लोकसभा चुनाव में जा सकते हैं
लखनऊ:LNN:Congress बैकफुट पर यूपी में एसपी-बीएसपी और आरएलडी के संभावित महागठबंधन के बाद यूपी की राजनीति अब नई करवट.
मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में एसपी-बीएसपी को दरकिनार करने वाली कांग्रेस बैकफुट पर नजर आने लगी है.
अब यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने अखिलेश की तरफ नई दोस्ती का हाथ बढ़ाने का संकेत भी दे दिया है.
उनका कहना है कि पार्टियों के नेतृत्व आपस में बात करके मामले को सुलझा लेंगे.
राज बब्बर ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता (अखिलेश यादव) के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है.नाराजगी कभी बेगानों से नहीं होती है.
कांग्रेस और एसपी का नेतृत्व आपस में बात करके इन चीजों को सुलझा लेंगे.जनता चाह रही है कि हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें.
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अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में एसपी विधायक को जगह न दिए जाने पर बुधवार को नाराजगी जाहिर की.
Congress पर तंज कसते हुए संभावित तीसरे मोर्चे का रुख करने का इशारा दिया था.
एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाकर संघीय मोर्चा बनाने का समर्थन किया.
उन्होंने कहा था कि वह खुद ही चंद्रशेखर राव से मिलने के लिए हैदराबाद जाएंगे.
मध्य प्रदेश में अपने विधायक को मंत्री नहीं बनाने पर अखिलेश यादव ने Congress पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को भी धन्यवाद जिसने समाजवादियों को बैकवर्ड समझा.
अखिलेश ने कहा था, ‘हम कांग्रेसियों को भी धन्यवाद देते हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश में हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया.
हम उनका और भारतीय जनता पार्टी का धन्यवाद देते हैं.
कम से कम उन्होंने समाजवादियों का रास्ता साफ कर दिया.
इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अखिलेश यादव तीसरे मोर्चे के साथ लोकसभा चुनाव में जा सकते हैं जिसके लिए चंद्रशेखर राव प्रयासरत हैं.
उधर, मध्य प्रदेश में कांग्रेस जब बहुमत का आंकड़ा छूने से दो कदम दूर थी तब बीएसपी और एसपी ने Congress को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी.
इसके अलावा 4 निर्दलीयों ने भी Congress को समर्थन दिया.
हालांकि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में न ही बीएसपी और न ही एसपी विधायक को जगह दी है.
उधर, माना जा रहा है कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों के बंटवारे पर एसपी और बीएसपी लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.
वहीं Congress के गठबंधन में शामिल होने की स्थिति में उन्हें सिर्फ उनकी परंपरागत दो सीटें- अमेठी और रायबरेली दी जाएंगी.
इसके अलावा इस गठबंधन में अजित सिंह की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को वेस्ट यूपी में तीन सीटें मिल सकती हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो चुनाव पूर्व बीएसपी और एसपी का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है.
कयास यह भी लग रहे हैं कि आगामी 15 जनवरी को बीएसपी चीफ मायावती के जन्मदिन पर इसका ऐलान भी हो सकता है.
फिलहाल आरएलडी के भी गठबंधन में शामिल होने के संकेत हैं.
हालांकि Congress से अभी दोनों पार्टियों ने दूरी बनाई हुई है. ऐसे में कांग्रेस की एसपी को मनाने की जुगत कितना काम करेगी.
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