SP-BSP में 38-38 सीटों के बंटवारे से सस्पेंस खत्म
नई दिल्ली:LNN: SP-BSP गठबंधन ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में मायावती और अखिलेश यादव के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को झटका दिया है.
मायावती और अखिलेश की जोड़ी ने महागठबंधन की कवायदों में जुटी कांग्रेस को SP-BSP गठबंधन से भी अलग कर दिया है.
यूपी की दो विरोधी पार्टी बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने 25 साल बाद साथ आने का फैसला ले लिया है.
लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीटों के बंटवारे से सस्पेंस खत्म 38-38 सीटें अपने पास रख लीं.
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में सपा और बसपा दोनों दलों के लिए कुल 80 सीटों में 38-38 सीटें लड़ने, बाक़ी 2 सीटें सहयोगी दलों और अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने की बात कही.
मायावती ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह दोनों गुरु चेले की नींद उड़ाने वाली ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस होने जा रही है.
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हमारी पार्टी बीएसपी ने अंबेडकर के बाद उनके कारवां को गति प्रदान की है. हमनें उस कारवां को ऐतिहासिक सफलता भी दिलाई है.
हम जातिवादी व्यवस्था के शिकार लोगों को सम्मान दिलाने का काम कर रहे हैं. हम आज फिर चुनाव के लिए साथ आ रहे हैं.
हमें उस दौरान भी सफलता मिली थी. चुनाव में इस बार भी हम सफल होंगे. हमें बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टियों को सत्ता से बाहर रखने का है.
जनहित को लखनऊ गेस्टहाउस कांड से ऊपर रखते हुए एक बार फिर हमनें एक साथ आने का फैसला लिया है.
SP-BSP गठबंधन में कांग्रेस को साथ न रखने पर मायावती ने कहा कि बीजेपी की तरह ही कांग्रेस की नीतियां भी भ्रष्ट हैं.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शासनकाल में भ्रष्टाचार हुए. कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नीति एक जैसी ही भ्रष्ट है और काग्रेस के साथ जाने पर बसपा को वोट शेयर में नुकसान होता है.
SP-BSP को कांग्रेस के साथ जाने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. हमनें अपने अनुभव को ही तरजीह दी है.
कांग्रेस का साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता है. अगर हम इनके साथ नहीं जाते हैं तो हमारे पास वोट का शेयर ज्यादा रहता है. लिहाजा हमनें इस वजह से कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा है.
हालांकि हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी या किसी भी अन्य पार्टी से गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमारा वोट ही कट जाए.