RBI ने मुद्रा लोन में लगातार बढ़ रहे NPA को लेकर दी चेतावनी. ‘बैड लोन्स’ 11,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके.
2018 में मुद्रा लोन स्कीम के तहत कुल 2.46 ट्रिलियन रुपये हुए खर्च.
नई दिल्ली:LNN: RBI ने मुद्रा लोन में बढ़ रहे NPA को लेकर सरकार को चेतावनी दी है.
देश में छोटे कारोबारियों की मदद के लिए लॉन्च की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सरकार की फ्लैगशिप स्कीम है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, RBI ने मंत्रालय को चेतावनी दी है कि मुद्रा लोन NPA का अगला बड़ा कारण बन सकता है, जिसने बैंकिंग सिस्टम को पूरी तरह से हिला दिया है.
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RBI ने बताया है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ‘बैड लोन्स’ 11,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं.
2017-2018 में आई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2018 में इस स्कीम के तहत कुल 2.46 ट्रिलियन रुपये खर्च हुए.
स्कीम के तहत दिए गए कुल कर्ज में 40 प्रतिशत अदायगी महिला उद्यमियों को, जबकि 33 प्रतिशत सोशल कैटिगरी में की गई.
वित्तीय वर्ष 2017-2018 के दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 4.81 करोड़ से ज्यादा रुपये का फायदा छोटे कर्जदारों को पहुंचाया गया.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल, 2015 को हुई थी.स्कीम के तहत, बैंक छोटे उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का लोन दे सकते हैं.
लोन को तीन कैटिगरीज़ में ‘शिशु’ कैटिगरी में 50,000 रुपये, ‘किशोर’ कैटिगरी में 50,001 रुपये से 5 लाख रुपये और ‘तरुण’ कैटिगरी में 5,00,001 रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया है.
RBI की चेतावनी वित्तीय व्यवस्था IL&FS संकट के चलते लड़खड़ाई हुई है और इससे बैंकों को नुकसान हुआ है.
ताजा मामला इंडसइंड बैंक का है. IL&FS ग्रुप पर 91 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. इसे अभी नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है.
91 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में सिर्फ IL&FS के खाते में करीब 35 हजार करोड़ रुपये जबकि इसकी फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी पर 17 हजार करोड़ रुपये बकाया है. 57 हजार करोड़ रुपये बैंकों का बकाया है और इसमें अधिकांश हिस्सेदारी सार्वजनिक बैंकों की है.