RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, सीटें नहीं रिश्ते ज्यादा अहम
नई दिल्ली/लखनऊ:LNN: RLD अब सपा-बसपा गठबंधन का हिस्सा होगी.
लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से आरएलडी के जयंत चौधरी की मुलाकात के बाद यह तय हो गया.
RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि सीटों का मसला नहीं है, विश्वास का है.
फिलहाल अखिलेश यादव RLD को तीन सीट देने के लिए तैयार है. आरएलडी चौथी सीट के लिए कोशिश कर रही है.
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच लखनऊ में एक घंटे तक मुलाकात चलती रही. मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि जिस तरह कैराना में तालमेल सफल हुआ था, इस बार भी सफल होगा.
जयंत चौधरी ने कहा कि बीजेपी किसान विरोधी है. इससे पहले चर्चा थी कि दोनों के बीच बैठक दिल्ली में होगी लेकिन यह बैठक किन्हीं कारणों से स्थगित हो गई. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली नहीं जा सके.
सूत्रों के मुताबिक गठबंधन मुजफ्फरनगर और बागपत सीट RLD को देने को तैयार था. अब मथुरा सीट की एक सीट और मिल जाएगी.
‘उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानों में
नज़र आती है उन को अपनी मंज़िल आसमानों में’ – अल्लामा इक़बाल pic.twitter.com/MUqhTHPRni— Jayant Chaudhary (@jayantrld) January 16, 2019
RLD की तरफ से पहले छह सीटों की मांग रखी गई थी लेकिन अब चार सीटों पर बात बन जाएगी. मुजफ्फरनगर से अजीत सिंह, बागपत से जयंत चौधरी चुनाव लड़ना चाहते हैं.
सपा की पेशकश है कि मथुरा से आरएलडी के टिकट पर समाजवादी पार्टी के किसी नेता को लड़ाया जाए.
वहीं RLD को उम्मीद है कि इस फॉर्मूले पर उसे सपा से एक सीट और मिल जाएगी.
RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि सीटों का मसला नहीं है. सवाल विश्वास का है.
यह भी पढ़ें:सपा-बसपा गठबंधन पर बोले Rahul Gandhi पूरी ताकत से उतरेंगे
पिछले साल हुए कैराना उपचुनाव में आरएलडी और समाजवादी पार्टी बीजेपी के खिलाफ साथ आए थे. समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार तबस्सुम हसन आरएलडी के निशान पर चुनाव लड़के जीती थीं.
अजीत सिंह चाहते हैं कि कुछ उसी तरह चौथी सीट भी पार्टी को मिल जाए. जयंत चौधरी ने कहा कि कैराना में हमने एक दूसरे के साथ तालमेल बनाया. वह सफल तालमेल साबित हुआ है. हमने ये नहीं देखा कि यह हमारा है, वो हमारा है. लड़ाई हमारी है हम मिलकर लड़ेंगे.
वहीं, समाजवादी पार्टी भी पश्चिमी यूपी में गठबंधन में आरएलडी की अहमियत समझ रही है. गठबंधन भी यह नहीं चाहेगा कि आरएलडी पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के साथ जाए.