Ayodhya dispute:CJI ने जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर को किया शामिल
नई दिल्ली:LNN: CJI “चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया” जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद की सुनवाई के लिए बेंच का पुनर्गठन किया है.
इस बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दायर की गई हैं.
अब 29 जनवरी को 5 जजों की नई बेंच अयोध्या विवाद की सुनवाई करेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक बेंच के तीन अन्य जजों में CJI, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल होंगे.
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दरअसल, हाल में तत्कालीन बेंच के एक सदस्य जस्टिस उदय यू ललित के सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद,
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच बनाने का फैसला किया था.
एक सवाल उठाए जाने के बाद पीठ के सदस्य जस्टिस ललित ने सुनवाई से अलग होने की ईच्छा व्यक्त की थी.
कोर्ट में एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा था कि जस्टिस ललित बतौर अधिवक्ता 1997 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ओर से पेश हुए थे.
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उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह अयोध्या में विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आश्वासन पूरा करने में विफल हो गए थे.
हाई कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच समान रूप से विभाजित करने का आदेश दिया था.
शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक के साथ ही अयोध्या में विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.