Advocate prashant bhushan ने सुप्रीम कोर्ट में मानी गलती

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Advocate prashant bhushan के अपनी गलती मानने के बाद उन्हें राहत मिल सकती है

नई दिल्ली:LNN:Advocate prashant bhushan ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की अपनी गलती स्वीकार कर ली है.

गुरुवार को उन्होंने माना कि एम. नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति के बारे में उच्चाधिकार चयन समिति की बैठक की कार्यवाही के विवरण को गढ़ा हुआ बताने संबंधी ट्विट करके गलती की थी.

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आपको बता दें कि भूषण ने अपने ट्वीट में कहा था कि सरकार ने शायद गढ़ा हुआ कार्यवाही विवरण कोर्ट में पेश किया है.

अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा है कि Advocate prashant bhushan के गलती मानने के बाद वह अवमानना याचिका वापस लेना चाहेंगे

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ से कहा कि भूषण के बयान को देखते हुए वह उनके खिलाफ दायर अपनी अवमानना याचिका वापस लेना चाहेंगे.

हालांकि, भूषण ने कोर्ट में एक अर्जी दायर कर जस्टिस अरुण मिश्रा से अनुरोध किया कि वह वेणुगोपाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करें।

इसके बाद जस्टिस मिश्रा को अवमानना याचिका की सुनवाई से अलग होने का अनुरोध करने के लिए भूषण ने पीठ से बिना शर्त क्षमा याचना करने से भी इनकार कर दिया.

अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सीबीआई के अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ता,

वकील प्रशांत भूषण के हाल के बयानों (ट्वीट) से अदालत को कथित रूप से घसीटे जाने को लेकर उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 4 फरवरी को अदालत की अवमानना की अर्जी लगायी.

वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि वह अपने पहले के बयान पर कायम हैं कि वह इस मामले में प्रशांत भूषण के लिए कोई सजा नहीं चाहते हैं.

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प्रशांत भूषण के जरिए कॉमन कॉज एनजीओ की ओर से दाखिल की गई.

याचिका में CBI निदेशक की नियुक्ति प्रकिया को पारदर्शी, सार्वजनिक बनाए जाने की मांग भी की गई थी.

हालांकि पीठ ने कहा कि इस व्यापक मुद्दे पर विचार किया जाएगा कि क्या कोई व्यक्ति अदालत के विचाराधीन किसी मामले में जनता की राय को प्रभावित करने के लिए कोर्ट की आलोचना कर सकता है.

पीठ इस मामले में अब 3 अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी.

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