Amethi में राहुल की हार के कारणों को तलाश रही कांग्रेस की दो सदस्यीय कमिटी ने एसपी और बीएसपी को ठहराया जिम्मेदार, गायत्री प्रजापति के बेटे ने भी किया बीजेपी का कैंपेन, एसपी विधायक राकेश सिंह पर भी बीजेपी संग जाने का आरोप
Amethi:LNN:Amethi सीट से राहुल गांधी की हार ने कांग्रेस को हिलाकर रख दिया था.
अमेठी से बीजेपी की स्मृति इरानी ने तकरीबन 55 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.
Amethi से राहुल गांधी की हार की वजहों की तलाश कर रही कांग्रेस की दो सदस्यीय कमिटी ने बीएसपी और समाजवादी पार्टी के ‘असहयोग’ को इसका जिम्मेदार बताया है.
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कमिटी ने कहा कि दोनों ही पार्टियों की स्थानीय यूनिट ने कांग्रेस का पर्याप्त साथ नहीं दिया था और उनके वोट बीजेपी के खाते में चले गए थे.
समिति के सदस्य कांग्रेस सचिव जुबैर खान और केएल शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अमेठी में एसपी और बीएसपी की स्थानीय इकाई ने कांग्रेस को सहयोग नहीं दिया.
इस वजह से इन पार्टियों के अधिकांश वोट बीजेपी के खाते में चले गए.
अमेठी के एक स्थानीय कांग्रेसी ने कहा, ‘राहुल गांधी को साल 2014 के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिले थे
पिछले लोकसभा चुनाव में जहां उन्हें 4.08 लाख वोट मिले थे, वहीं इस बार उन्हें 4.13 लाख लोगों ने वोट दिया था.’
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कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में यहां से बीएसपी कैंडिडेट को 57 हजार वोट मिले थे.
2019 के चुनाव में राहुल गांधी की हार 55 हजार वोटों से हुई है.
अगर बीएसपी का वोट कांग्रेस के खाते में आ जाता तो राहुल गांधी नहीं हारते.
एक स्थानीय नेता ने बताया, “सरल गणित है. राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव (4.08 लाख वोट) से ज्यादा वोट 2019 (4.13 लाख वोट) मिले.
बसपा प्रत्याशी को 2014 में 75,716 वोट मिले. अगर यह वोट कांग्रेस को मिला होता तो कांग्रेस की जीत होती.
भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी”.
अमेठी के कांग्रेस प्रमुख योगेंद्र मिश्रा भी ने भी कहा कि एसपी-बीएसपी का असहयोग ही राहुल की हार का प्रमुख कारण है
उन्होंने बताया कि दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अमेठी में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन फिर भी कांग्रेस को उनका साथ नहीं मिला.
योगेंद्र मिश्रा ने कहा, “सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के पुत्र अनिल प्रजापति खुलेआम स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे.
गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाए रखने के लिए भाजपा के साथ गए”.
हालांकि राकेश सिंह ने इस आरोप का खंडन किया.
राहुल के हार के कारणों की तलाश कर रही दो सदस्यीय समिति ने गौरीगंज और तिलोई विधानसभा के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया है.
वह अगले दो दिनों में जगदीशपुर, सलोन और अमेठी के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे.
कमिटी अपनी फाइनल रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले हफ्ते तक भेज सकती है.