Delhi की पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया. 81 वर्षीय शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रही थीं.
दिल्ली:LNN:1998 में जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं तो राजनीतिक क्षेत्रों में माना गया कि संभवत: वह कुछ दिन ही इस पद पर रहेंगी और बाद में दिल्ली के ही किसी दिग्गज नेता को यह कुर्सी मिलेगी.
शीला दीक्षित दिल्ली की राजनीति का बड़ा नाम थीं लेकिन इस नाम को बनाने में उन्हें अपनों के बीच संघर्ष करना पड़ा.
संभवत: वह कुछ दिन ही इस पद पर रहेंगी और बाद में दिल्ली के ही किसी दिग्गज नेता को यह कुर्सी मिलेगी.
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इसकी आशंका इसलिए थी,यह माना जा रहा था कि दिल्ली में एक से एक दिग्गज नेताओं के बीच शीला दीक्षित,
यूपी से आकर यहां अधिक दिन नहीं टिक पाएंगी.
कुछ दिन बाद बगावत के सुर उठे भी लेकिन ये बगावत भी शीला दीक्षित के राजनीतिक कौशल के सामने धराशायी हो गई.
Delhi की पूर्व CM शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी
Delhi: Former President Pranab Mukherjee pays tribute to former Delhi Chief Minister Sheila Dikshit, who passed away today, due to cardiac arrest. pic.twitter.com/DGwf4KCgbF
— ANI (@ANI) July 20, 2019
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और डेप्युटी CM मनीष सिसोदिया ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेसी नेता शीला दीक्षित जी के सम्मान में सरकार ने दिल्ली में 2 दिनों का राजकीय शोक घोषित करने का निर्णय लिया है.
उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगाः मनीष सिसोदिया
Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia: Delhi govt has decided to observe a two-day state mourning as a mark of respect in the memory of former Chief Minister and veteran leader Sheila Dikshit ji. She will be accorded a state funeral. (File pic) pic.twitter.com/7UXtfiW4pQ
— ANI (@ANI) July 20, 2019
शीला दीक्षित के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजामुद्दीन स्थित आवास पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to former Delhi Chief Minister Sheila Dikshit who passed away today, due to a cardiac arrest. pic.twitter.com/hQORb3CSFv
— ANI (@ANI) July 20, 2019
1998 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करके कांग्रेस सत्ता में आ गई.शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बना दिया गया.
इसके बाद ही यह माना जाने लगा कि उनकी पारी लंबी नहीं चल पाएगी. वजह? उस वक्त दिल्ली की कांग्रेस की राजनीति में एक से एक दिग्गज मौजूद थे.
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अनुसूचित जाति वर्ग से चौ. प्रेम सिंह थे तो जाट नेता सज्जन कुमार की आउटर दिल्ली में धाक थी.
इसी तरह से जगदीश टाइटलर, जयप्रकाश अग्रवाल, रामबाबू शर्मा भी दिल्ली की राजनीति में थे.
ऐसे में लग रहा था कि जल्द ही शीला का सत्ता पलट हो सकता है,
क्योंकि कोई यह मानने को तैयार नहीं था कि शीला दीक्षित इन सभी के बीच लंबे वक्त तक चल पाएंगी.
हुआ भी यही. बगावत के सुर उठे. कई नेता नाराज हुए लेकिन शीला दीक्षित ने एक के बाद एक अपना कौशल दिखाया.
एक ओर प्रशासनिक मोर्चे पर उन्होंने काम किया और दूसरी ओर राजनीतिक मोर्चे पर अपनी अलग टीम खड़ी की.
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इनमें डॉ. अशोक वालिया, अजय माकन जैसे अपेक्षाकृत युवा नेता भी शामिल थे.
बाद में राजकुमार चौहान, अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ नेताओं को भी साथ लिया.
अपनी इस टीम के साथ एक एक करके उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्धंदियों का सामना किया.
हालांकि जब 2003 में वे दूसरी बार चुनाव जीतीं तो भी उन्हें मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ा,
लेकिन इसके बाद एक एक करके वे दिल्ली पर छाती गईं और अंतत: 2013 तक उनका एकछत्र राज रहा.
2013 में चुनाव हारने के बाद भी वे दिल्ली में राजनीति का केंद्र रहीं.
कांग्रेस और गांधी परिवार का उन पर इस कदर विश्वास था कि जब लोकसभा चुनाव की बारी आयी,
तो 81 वर्ष की आयु में उन्हें न सिर्फ प्रदेश कांग्रेस का फिर से अध्यक्ष बना दिया गया बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार भी बना दिया गया.
Lok Sabha Speaker Om Birla pays tribute to former Delhi Chief Minister Sheila Dikshit, who passed away today, in Delhi due to cardiac arrest. pic.twitter.com/skHDEKdh7I
— ANI (@ANI) July 20, 2019
शीला दीक्षित जी एक बड़ी हस्ती थीं, एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उनका योगदान दिल्ली और देश के लिए व्यापक था.
उनके निधन से पूरा देश दुखी हैः ओम बिरला, लोकसभा स्पीकर.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा- ‘शीला दीक्षित जी के निधन से दुखी हूं. वह मुझे बहुत प्यार करती थीं.
Delhi के लिए उन्होंने जो भी किया उसे देशवासी और दिल्ली के लोग हमेशा याद रखेंगे.’
शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर आज शाम 6 बजे निजामुद्दीन स्थित उनके निवास पर अंतिम दर्शन एके लि रखा जाएगा.
कल यानी रविवार को दोपहर 2.30 बजे निगम बोध घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा