Sonbhadra Violence:पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड के मामले में ग्राम प्रधान और उसके भाई समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लखनऊ:LNN:Sonbhadra Violence के मृतकों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रास्ते में रोक लिया गया.
इसके विरोध में प्रियंका गांधी मिर्जापुर में ही धरने पर बैठ गई हैं.पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
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हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे सोनभद्र जाना है. जहां ये ले जाएंगे, वहां जाऊंगी.
प्रियंका गांधी के साथ उनके समर्थक भी सड़क पर बैठे थे.
उनके समर्थकों ने यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
The illegal arrest of Priyanka in Sonbhadra, UP, is disturbing. This arbitrary application of power, to prevent her from meeting families of the 10 Adivasi farmers brutally gunned down for refusing to vacate their own land, reveals the BJP Govt’s increasing insecurity in UP. pic.twitter.com/D1rty8KJVq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2019
बुधवार को सोनभद्र में भूमि विवाद को लेकर हुई हिंसा में 10 लोगों की हत्या हो गई थी, जबकि 24 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो में प्रियंका गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है,
‘हां, हम अभी भी नहीं झुकेंगे. हम शांति के साथ पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे.
मुझे नहीं पता कि ये लोग कहां ले जा रहे हैं. हम लोग कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं.’
यूपी की अजय सिंह बिष्ट सरकार द्वारा कांग्रेस महासचिव @PriyankaGandhi को सोनभद्र जाने से जबरन रोकना लोकशाही का अपमान है। बगैर लिखित आदेश और संविधान की मूल भावना के विपरीत अजय सिंह बिष्ट सरकार का यह कदम तानाशाही को दर्शाता है। pic.twitter.com/iuoAdzIFys
— Congress (@INCIndia) July 19, 2019
आदिवासी किसानों के परिवारों से उन्हें न मिलने देना सत्ता का विवेकहीन प्रदर्शन है
यह यूपी में बीजेपी सरकार की बढ़ती असुरक्षा की भावना को दर्शाता है.’
कांग्रेस ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘यूपी की अजय सिंह बिष्ट सरकार द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से जबरन रोकना लोकशाही का अपमान है.
बगैर लिखित आदेश और संविधान की मूल भावना के विपरीत अजय सिंह बिष्ट सरकार का यह कदम तानाशाही को दर्शाता है.’
एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ‘सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी अजय सिंह बिष्ट सरकार की तानाशाही का निकृष्टतम उदाहरण है.
हम पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दृढ संकल्पित हैं और भाजपा सरकार के इन ओछे हथकंडों से डरने वाले नहीं हैं.
कांग्रेस नेता राज बब्बर का कहना है, ‘यूपी सरकार का रवैया तानाशाही है. प्रियंका सिर्फ 3-4 लोगों के साथ जा रही थीं.
कोई सामाजिक व्यक्ति किसी के दुख में शामिल होना चाहता है, लेकिन उसे इसकी मंजूरी भी नहीं दी जाती है.
प्रियंका ने पहले ही प्रशासन को इसकी जानकारी भी दे दी थी.’
पुलिस ने Sonbhadra Violence मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.
इस मामले में 61 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 50 अज्ञात हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि चुनार गेस्टहाउस में बिजली-पानी और खाने की व्यवस्था नहीं की गई है.
उनका कहना है कि प्रियंका गांधी को गिरफ्तार करने के बाद गेस्टहाउस की बिजली काट दी गई है.
प्रियंका समेत सभी लोग गर्मी और उमस से बेहाल हैं.
वहीं, मीरजापुर प्रशासन का कहना है कि चुनार गेस्टहाउस में बिजली आपूर्ति है. अचानक खराबी आने से उसको ठीक करवाया जा रहा है.
प्रियंका ने गेस्ट हाउस से ही मीडिया को संबोधित करते हुए, ‘मुझे यहां गिरफ्तार करके लाया गया है.
वहां सोनभद्र में जो लोग अपना अधिकार मांग रहे थे, उनकी हत्या कर दी गई.
गांव वालों की जमीन पर कब्जा करने आए थे, जिन जमीन को उन्होंने बरसों से सहेजा था, वहां कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर कब्जा करने आ गए.
जब गांववालों ने रोकने की कोशिश की तो 11 लोगों की हत्या कर दी गईं. उसमें तीन महिलाएं भी हैं.
एक स्थानीय व्यक्ति लल्लु सिंह की याचिका पर गांव के मुखिया यज्ञदूत व उसके भाई और अन्य पर भी एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र की बैठक शुरू होने से पहले सपा के विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया.
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उन्होंने कहा कि Sonbhadra Violence और संभल में पुलिसकर्मियों पर हमला भाजपा सरकार के वायदों की पोल खोलने के लिए काफी है.
सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरूवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई.
आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
Sonbhadra Violence मामले में आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं.
टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी.
बयान में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए,
गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच कराई जाए.
आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो.
दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें.