Kashmir घाटी में पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय बलों के 38 हजार जवानों की तैनाती से शुरू हुई अटकलबाजी
राज्य सरकार की तरफ से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने की अडवाइजरी से तेज हुईं अटकलें.महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुला का केंद्र पर निशाना.
नई दिल्ली:LNN:Kashmir में पिछले कुछ दिनों में 38000 जवानों की तैनाती ,
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी से लौटने की अडवाइजरी के बाद कश्मीर घाटी में तरह-तरह की अटकलें जोर पकड़ रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में ‘कुछ बड़ा’ प्लान किया जा रहा है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा है कि कश्मीर में खौफ का माहौल है, इस तरह का अडवाइजरी इससे पहले कभी नहीं आई.
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दरअसल, अतिरिक्त जवानों की तैनाती को आर्टिकल 35-A और 370 को खत्म करने से जोड़कर देखा जा रहा है,
जबकि केंद्र ने इन अटकलों को खारिज किया है.
बरामूला में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा, ‘अगर आप बीजेपी के प्रमुख नेताओं के बयान को सुनेंगे,
घाटी में केंद्रीय बलों की तैनाती को देखेंगे तो यह कश्मीर के किसी भी निवासी के दिल में शंका पैदा करने वाला है
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केंद्रीय बल राज्य पुलिस को नजरअंदाज कर रहे हैं. यह सब कुछ इस ओर इशारा करता है कि कुछ बड़ा प्लान किया जा रहा है.’
You failed to win over the love of a single Muslim majority state which rejected division on religious grounds & chose secular India. The gloves are finally off & India has chosen territory over people.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 2, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने संबंधी अडवाइजरी पर सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले आजतक कभी ऐसी कोई अडवाइजरी जारी नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 35-A और आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर चल रहीं अटकलों से घाटी में खौफ का माहौल है.
उन्होंने कहा कि इन दोनों धाराओं को हटाने से कश्मीर से ज्यादा जम्मू और लद्दाख का नुकसान होगा.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर कश्मीरियों को ‘लूटने’ की तैयारी करने और उनके ऊपर भूभाग को तरजीह देने का आरोप लगाया है.
वहीं, एनसी नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को वापस लौटने संबंधी अडवाइजरी पर सवाल उठाया है.
…तो होंगे गंभीर नतीजे: महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है लेकिन मुझे हमेशा की तरह उम्मीद है कि कश्मीर का इस्तेमाल असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नहीं होगा.
इस तरह के कदम के गंभीर नतीजे होंगे और इससे कश्मीरी हाशिये पर चले जाएंगे.’
अपने मरहूम पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद का जिक्र करते हुए महबूबा ने लिखा, ‘मुफ्ती साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरी जो कुछ भी पाएंगे,
वह अपने देश भारत से ही पाएंगे.
लेकिन आज लगता है कि उसी देश ने कश्मीरियों के पास अपनी अद्वितीय पहचान की रक्षा करने के लिए जो कुछ भी थोड़ा बहुत बचा है, उसको लूटने की तैयारी कर रही है।’
दूसरी तरफ, नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द लौटने संबंधी अजवाइजरी के तुक पर सवाल उठाया है.
What I don’t get is that the government has spent money flying in teams of journalists, foreign & Indian, to brief them about how good the situation is, about how well the yatra has been going & then this order is issued ordering yatris & tourists to leave immediately! #Kashmir
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 2, 2019
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब सरकार विदेशी और भारतीय पत्रकारों की टीम पर पैसे बहाकर उन्हें यह बता रही है कि कश्मीर के हालात कितने अच्छे हैं,
और यात्रा कितनी अच्छी चल रही है तो फिर यात्रियों और पर्यटकों को तत्काल लौटने का यह आदेश क्यों जारी किया गया है
अमरनाथ यात्रा तय कार्यक्रम के तहत जारी रहेगी: रविंद्र रैना
दूसरी तरफ, खराब मौसम की वजह से जम्मू रूट से अमरनाथ यात्रा को 4 अगस्त तक सस्पेंड कर दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि अमरनाथ यात्रा जारी रहेगी.
उन्होंने कहा, ‘अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक तय कार्यक्रम के मुताबिक जारी रहेगी.
सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं और डर का कोई माहौल नहीं है.
सभी यात्री पवित्र तीर्थ का दर्शन कर सकते हैं लेकिन गृह मंत्रालय द्वारा जारी अडवाइजरी का पालन किया जाना चाहिए.