Stubble से सीएनजी बनाना तकनीकी और आर्थिक स्तर पर मुमकिन है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए सभी सरकारों (राज्य) को साथ आने को कहा.
नई दिल्ली:LNN:Stubble से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बताई जाने वाली पराली के संदर्भ में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल एक सुझाव लेकर आए हैं.
केजरीवाल का सुझाव है कि इस पराली से सीएनजी बनाई जाए.
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उनके मुताबिक, यह तकनीक और आर्थिक दोनों हिसाब से मुमकिन है. केजरीवाल ने इसके लिए सभी सरकारों (राज्य) को साथ आने को कहा.
पहले भी पराली से सीएनजी बनाए जाने पर विचार किया गया था.उसपर काम भी शुरू हो चुका है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ‘आज मेरी एक्सपर्ट से मीटिंग हुई थी.
पराली से सीएनजी बनाना तकनीकी और आर्थिक रूप से सक्षम है. इससे नौकरियां, किसानों को अतिरिक्त कमाई होगी.
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सालाना तौर पर होने वाली प्रदूषण की समस्या भी कम होगी. हालांकि, इसके लिए सभी सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’
पराली के धुएं से दिल्ली में फैलने वाले प्रदूषण से लोगों को राहत दिलाने के लिए करनाल में एक प्लांट लगाया जा रहा है.
ऐसी खबरें अक्टूबर में आई थी. जर्मनी तकनीक वाले उस प्लांट में पराली से सीएनजी बनाई जाएगी.
इसके बाद इस सीएनजी को आसपास के गांवों के ट्रैक्टरों में इस्तेमाल किया जाएगा.
इसके लिए 12 ट्रैक्टरों को सीएनजी में कन्वर्ट किया गया है.
संभवत: देश में यह पहले सीएनजी ट्रैक्टर होंगे. जो सीएनजी से चलेंगे.
बताया जाता है कि इन ट्रैक्टरों में सीएनजी लगने से इनकी ताकत कम नहीं होगी, बल्कि डीजल के मुकाबले 10 फीसदी अधिक हो जाएगी.
साथ ही फ्यूल के रूप में सीएनजी इस्तेमाल करने से किसानों को इसमें 40 प्रतिशत की बचत भी होगी.
उस प्लांट को ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स असोसिएशन के प्रधान अजय बंसल द्वारा कई कंपनियों की पार्टनरशिप में लगाया जा रहा है,
प्लांट अगले साल मई से काम करना शुरू कर देगा. इसके लिए मशीनें जर्मनी से इंपोर्ट की जाएंगी.
प्लांट में आसपास के 10-15 गांवों के खेतों की पराली जलाने से रोका जा सकेगा.
किसानों से उनकी खेतों में खड़ी पराली को लेकर प्लांट में लाया जाएगा.
जहां उसे विभिन्न बैक्टिरिया से गलाकर पाउडर में बदला जाएगा.
पाउडर बनने के बाद इससे सीएनजी समेत दो अन्य गैसों का भी उत्पादन होना शुरू हो जाएगा.
एक प्लांट से हर दिन 10 हजार किलो सीएनजी का उत्पादन
प्लांट में 100 टन पराली से बने पाउडर से हर दिन 10 हजार किलो सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा.
शुरू में इस सर्कल को शुरू होने में एक महीने का वक्त लगेगा.
फिर हर दिन प्लांट में 100 टन पराली डालते जाएंगे और 10 हजार किलो सीएनजी का उत्पादन होता रहेगा.
इस सीएनजी को उन किसानों को सस्ती दरों पर बेचा जाएगा.
जिनकी पराली प्लांट में लाई जाएगी. इससे खेतों में खड़ी पराली जलाने से जहां प्रदूषण नहीं फैलेगा.
वहीं पराली से बनी सीएनजी सस्ती दरों पर किसानों को मिलेगी। इसके लिए किसानों के कार्ड भी बनाए जाएंगे.