Nirbhaya Gangrape Case के दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि, अभी तय नहीं है कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा
नई दिल्ली:LNN:अक्षय को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनवाई है, सजा से बचने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की
निर्भया गैंगरेप के दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
हालांकि, अभी तय नहीं है कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा.
अक्षय को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनवाई है, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.
अक्षय ने फांसी की सजा से बचने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.
अक्षय ने अपनी याचिका में कहा कि दिल्ली की हवा और पानी में वैसे ही इतना प्रदूषण है कि लोग ज्यादा नहीं जी पा रहे हैं, फिर मौत की सजा की क्या जरूरत है?
अक्षय ने हास्यास्पद तर्क देते हुए कहा, ‘ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो 80 से 90 साल की आयु तक पहुंच पा रहे हों.
यह भी पढ़ें:Citizenship amendment bill के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं:अमित शाह
इससे पहले बाकी तीनों दोषियों मुकेश, पवन और विनय ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी,
जिसे पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा था.
यही नहीं, जघन्य घटना के दोषी अक्षय ने महात्मा गांधी की भी एक टिप्पणी का जिक्र किया.
उसने सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी अर्जी में लिखा,
‘गांधी जी हमेशा कहते थे कि कोई भी फैसला लेने से पहले सबसे गरीब व्यक्ति के बारे में सोचें.
यह सोचें कि आखिर आपका फैसला कैसे उस व्यक्ति को मदद करेगा. आप ऐसा विचार करेंगे तो आपके भ्रम दूर हो जाएंगे.’
गौरतलब है कि इस मामले के दोषियों में से सिर्फ एक विनय ने ही दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी,
लेकिन उसे भी उसने यह कहते हुए वापस ले लिया कि उसने इसे दायर ही नहीं किया है.
निर्भया गैंग रेप के दोषी विनय और पवन फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल नहीं कर सकेंगे,
.
यह भी पढ़ें:Amna Nawaz एशिया मूल की पत्रकार, जो U.S. राष्ट्रपति पद की बहस का करेंगी संचालन
क्योंकि वो कोर्ट के आगे अपनी कम उम्र और मां बाप की उम्र और उनके बुढ़ापे की दुहाई देकर सज़ा कम करने की गुहार लगा चुके हैं.
इसका सीधा मतलब है कि उनको फैसले पर कोई एतराज नहीं है.
मगर दोषियों के वकील ए पी सिंह के मुताबिक अक्षय की पुनर्विचार याचिका के निपटारे के
बाद ही अन्य तीनों दोषियों की तरफ से क्युरेटिव यानी उपचार याचिका एक साथ दाखिल करेंगे.