yogendra yadav स्वराज इंडिया के संस्थापक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.नागिरकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को देशभर में प्रदर्शन जारी है. दिल्ली के लाल किला में विरोध प्रदर्शन कर रहे
नई दिल्ली:LNN: yogendra yadav स्वराज इंडिया के संस्थापक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.योगेंद्र यादव ने अपनी एक तस्वीर के साथ ट्विटर पर एक पोस्ट किया.
I have just been detained from Lal Qila. About a thousand protesters already detained. Thousands on the way.
Am told we are being taken to Bawana.साझी विरासत, साझी शहादत, साझी नागरिकता pic.twitter.com/RnkUNjfkzo
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 19, 2019
उन्होंने लिखा, ”मुझे लाल किला से हिरासत में ले लिया गया. हजारों प्रदर्शनकारी पहले से ही हिरासत में है.
अभी हजारों और भी बाकी है. हमें बताया जा रहा है कि हमें बवाना लेकर जाया जा रहा है. साझी विरासत, साझी शहादत, साझी नागरिकता.”
पटना, दिल्ली, लखनऊ सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर निकलने की खबरें मिलने लगी हैं
दिल्ली में इस नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दर्जनों मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं.
गुरुवार को कई बड़े शहरों में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है.
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हालांकि इससे पहले बुधवार शाम को प्रशासन ने तीन शहरों दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरू में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी.
पटना में भी विरोध हो रहा है.
इस दौरान राजेंद्र नगर और दरभंगा में कम्युनिस्ट संगठनों ने रेल रोक दी है.
Citizenship Amendment Bill लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया.
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इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया.
इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए.
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जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए.
इस प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों समेत पुलिस वाले भी घायल हुए. एक पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया.
पुलिस ने हालात को काबू में किया और वहां चौकसी बढ़ा दी गई.
17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए.
जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए.
कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया.
इस कानून के विरोध में दिल्ली के लाल किला पर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
उधर जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई लेना देना नहीं है. उन्हें नहीं डरना चाहिए.
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई है
उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा.
यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताडि़त होकर भारत में शणार्थी के रूप में आए हैं.