Hemant Soren ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया.
नई दिल्ली:LNN:Hemant Soren ने झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-राजद की बड़ी जीत के बाद दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की.
जेएमएम नेता हेमंत सोरेन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया.
मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए Hemant Soren ने कहा,
‘मैंने शपथ ग्रहण समारोह के लिए सोनिया गांधी जी और राहुल जी को आमंत्रित किया है.
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सोनिया जी ने आश्वासन दिया है कि राहुल जी समारोह में शामिल होंगे.
मैं शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी आमंत्रित करूंगा.
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मंगलवार की रात राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
हेमंत सोरेन ने रात पौने नौ बजे बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के विधायकों समेत पचास विधायकों के साथ राज्यपाल मुर्मू से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
इस मौके पर उनके साथ झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह,
राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस हाईकमान द्वारा नियुक्त केन्द्रीय पर्यवेक्षक टीएस सिंहदेव भी उपस्थित थे.
राज्यपाल ने उन्हें शपथ ग्रहण के लिए 29 दिसंबर की अपराह्र एक बजे का समय दिया है और समारोह का आयोजन रांची के मोरहाबादी के मैदान में होगा.
Hemant Soren, CM designate of Jharkhand: I have invited Sonia Gandhi Ji & Rahul Ji for the oath taking ceremony. Sonia Ji has assured that Rahul Ji will attend the ceremony. I will also invite Prime Minister and Home Minister for the oath taking ceremony. #Delhi pic.twitter.com/nFsGptK7Qj
— ANI (@ANI) December 25, 2019
सोमवार को आए चुनाव परिणामों में विपक्षी गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया था,
जबकि बाबूलाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चा ने भी अपने तीन विधायकों का समर्थन हेमंत सोरेन की सरकार को बिना शर्त देने की घोषणा कर दी है.
गठबंधन में जहां झामुमो को 30 सीटें जीतने में सफलता मिली, वहीं कांग्रेस ने 16 और राजद ने एक सीट जीती है.
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सत्ताधारी भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की,
जबकि 2014 के चुनावों में उसे 37 सीटें मिली थीं और उसके सहयोगी आजसू को पांच सीटें मिली थीं.
इस बार के चुनावों में आजसू ने अलग से उम्मीदवार उतारे जिसका खामियाजा उसके साथ भाजपा को भी उठाना पड़ा.
आजसू को इन चुनावों में 53 सीटों पर उम्मीदवार उतार कर सिर्फ दो सीटें जीतने में सफलता मिली.