Tablighi Jamaat Covid 19 संदिग्ध लगातार अश्लीलता और बदसूलकी कर रहे हैं. ये लोग नर्सों के सामने ही कपड़े उतार दे रहे हैं. अब छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
नई दिल्ली/गाजियाबाद:LNN:Tablighi Jamaat Covid-19 एक तरफ डॉक्टर और नर्स के साथ तमाम हेल्थ वर्कर्स कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं.
दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. अब तक 293 केस सामने हैं, इनमें 182 मामले मरकज से जुड़े हुए हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 4 लोगों की मौत हुई है. गुरुवार को जिन दो लोगों की मौत हुई वे मरकज से निकाले गए थे.
दूसरी तरफ तबलीगी जमात के कोरोना संदिग्ध जाहलिपने पर उतर आए हैं.
गाजियाबाद के एमएमजी में भर्ती जमाती लगातार अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं.
इतना ही नहीं, ये लोग नर्सों के सामने ही कपड़े बदलने के लिए कपड़े खोल देते हैं.
अब जिला प्रशासन इन लोगों को जेल की बैरक में बंद करने पर विचार कर रहा है.
अस्पताल के सीएमएलस रविंद्र राणा ने बताया कि तबलीगी जमात से जुड़े जो कोरोना संदिग्ध भर्ती किए गए हैं, उनका व्यवहार बहुत गलत है.
रविंद्र राणा ने बताया कि जमाती लगातार अश्लील हरकतें कर रहे हैं.
ये लोग अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, नर्सों के सामने ही कपड़ा बदलने लगते हैं और छोटी-छोटी बात पर हंगामा करते हैं.
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद जिला प्रशासन इन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और इन्हें जेल के बैरक में ही बंद करने पर विचार चल रहा है.
अस्पताल में स्टाफ के साथ अश्लील हरकतें करने, हंगामा करने और नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 6 जमातियों के खिलाफ कोतवाली घंटाघर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
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Tablighi Jamaat Covid-19 संदिग्ध स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग करने की बजाय उनसे बदसलूकी कर रहे हैं.
दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर थूकने और आइसोलेशन सेंटर में जानबूझकर हंगामा खड़ा करने का मामला सामने आ चुका है.
वहीं, बिहार में तबलीगी जमात के लोगों की तलाश को गई टीम पर हमला भी किया गया.
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद देश में कोरोना के हजारों मामले सामने आने की आशंका जताई जा रही है.
इसमें से अभी तक लगभग 400 कोरोना संक्रमित लोग पाए जा चुके हैं. निजामुद्दीन मरकज से 2 से 3 हजार लोगों को निकाला जा चुका है.
कई राज्यों में फैले जमात के लोगों को अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों में ही ऐडमिट किया जा रहा है.