FM Nirmala Sitharaman सरकार ने विशेष तौर पर MSMEs के लिए बड़ी राहत दी है,
जीडीपी में एक तिहाई योगदान देने वाले इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ का ऐलान.
नई दिल्ली:LNN:FM Nirmala Sitharaman ने प्रवासियों, किसानों, खोमचे वालों के लिए किए कई बड़े ऐलान किए. मजदूरों और गरीब वर्ग के लोगों पर सरकार का विशेष फोकस रहा.
मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के बूस्टर में हर सेक्टर और वर्ग का खयाल रखने की कोशिश दिखाई दे रही है.
FM Nirmala Sitharaman ने प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों और छोटे व सीमांत किसानों के लिए बड़े ऐलान किए.उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर, किसान और गरीब हमारी प्राथमिकता है.
संकट आने पर हमने सबसे पहले गरीब के खाते में पैसे पहुंचाए.
लॉकडाउन जरूर है लेकिन सरकार लगातार दिन-रात काम कर रही है. पैकेज का पहला हिस्सा MSMEs के नाम था.
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वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए लोन और किसानों के लिए 30 हजार करोड़ के अतिरिक्त फंड की सुविधा की बात की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दूसरे राज्यों से लौटकर अपने घर आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है
2 महीनों के लिए प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त अनाज,ना कार्ड के भी चावल या गेहूं और चना मिल सकेगा.
उन्होंने बताया कि 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे
और मार्च, 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी.
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होगी कि उन तक कैसे अनाज पहुंचाया जाए,केंद्र सरकार इसका खर्च उठाएगी, 3500 करोड़ रुपये का आएगा खर्च.
10 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी में ईएसआई की सुविधा होगी,जो नैशनल फूड रजिस्टर में नहीं आते उनको भी मिलेगा.
प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए अफोर्डेबल रेंटल आवास की योजना लाई जाएगी,जहां मजदूर काम करते हैं, इससे वहीं रहने की सुविधा मिल सकेगी.
उद्योगपति अपनी जमीन पर बनाना चाहें तो उन्हें इन्सेंटिव दिया जाएगा या राज्य सरकारों को प्रेरित कर ऐसे आवासीय इंतजाम करवाए जाएंगे.
रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वालों, ठेला चलाने वालों और यगरों में काम करने वालों के लिए 5000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे,50 लाख रेहड़ी वालों के लिए स्पेशल क्रेडिट फेसिलिटी.
शुरुआत में वर्किंग कैपिटल करीब 10 हजार रुपये मिलेंगे जिससे कारोबार की शुरुआत हो सके.
डिजिटल पेमेंट करने वालों को इनाम मिलेगा.
उन्हें 10 हजार से ज्यादा राशि मुहैया कराई जा सकेगी.
शिशु मुद्रा लोन में रिजर्व बैंक ने तीन महीने का मोराटोरियम दिया है, लेकिन इसके बाद समस्या हो सकती है,
तो शिशु मुद्रा लोन में 50,000 रुपये तक लोन लेने वाले को मॉरिटोरियम के बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने के लिए होगा.
3 करोड़ लोगों को इससे कुल 1500 करोड़ रुपये का फायदा होगा.
3 करोड़ किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड की सुविधा,नाबार्ड जो 90 हजार करोड़ देता है उसके अतिरिक्त है यह पैसा.
रबी फसल के लिए छोटे और सीमांत किसानों के लिए खर्च किया जाएगा.
सिर्फ रबी फसल की कटाई और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए नहीं बल्कि खरीफ की तैयारी के लिए भी इस्तेमाल होगा.
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छोटे किसानों को रियायती दरों पर 4 लाख करोड़ का लोन मिलेगा, कर्ज के ब्याज पर 31 मई तक छूट दी जाएगी.
मछुआरों और पशुपालन करने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से मदद मिलेगी। रियायती दर पर कर्ज मिलेगा.
6 से 18 लाख सालाना आय वाले मिडिल इनकम ग्रुप के लिए क्रिडिट लिंक्ड सब्सिडी को मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
3.3 लाख मिडिल क्लास परिवारों को फायदा मिला था, अब इसमें 2.5 लाख परिवारों को फायदा मिलेगा. 70 हजार करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट आएगी.
इससे स्टील सीमेंट, ट्रांसपोर्ट के लिए मांग बढ़ेगी, इसलिए डिमांड बढ़ेगी और रोजगार मिलेगा.
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का काम 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.
निर्मला सीतारमण की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई जो कोलैट्रल फ्री है. इसकी समय सीमा 4 वर्ष की है.
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MSMEs को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी,
दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख MSMEs लाभान्वित होंगे.
जो MSME अपना आकार बढ़ाना चाहती हैं,
उनके लिए फंड्स ऑफ फंड्स के माध्यम से 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन का प्रावधान किया गया है.
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए अब छोटे उद्योगों की परिभाषा एक ही कर दी गई है.
अब माइक्रो जहां 1करोड़ का निवेश व 5 करोड़ का टर्नओवर, स्मॉल जहां 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ का टर्नओवर मीडियम जहां 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का टर्नओवर है.
लोकल को बल देने के लिए 200 करोड़ रुपए तक के ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे.