India के लद्दाख सीमा पर बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर से तिलमिलाया चीन

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India लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के विवादित क्षेत्रों में रोड और एयर कनेक्टिविटी के मामले में चीन के दबदबे को लगातार दे रहा है चुनौती

नई दिल्ली:LNN:India ने लद्दाख सीमा पर बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत कर लिया है.इससे चीन तिलमिलाया हुआ है.

भारत लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक 3,488 किलोमीटर लंबे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रोड और एयर कनेक्टिविटी के मामले में चीन को लगातार चुनौती दे रहा है.

India के हाथ में आ चुकी है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एग्‍जीक्‍यूटिव बोर्ड की कमान, कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई.

कई रिपोर्ट्स हैं कि शुरुआत में चीन ने इस वायरस के मामलों को छिपाया.

धीरे-धीरे कोरोना पूरी दुनिया में फैल गया और आज हालात ये हैं कि तीन लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

चीन की जवाबदेही तय करने की डिमांड दुनिया के कई देशों ने उठाई. अब चीन पर शिकंजा कसने की शुरुआत हो गई है.

वहीं चीन का बचाव करने वाले WHO की भूमिका भी तय होगी.

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India समेत दुनिया के 62 देशों ने कोरोना पर एक स्‍वतंत्र जांच की मांग की है.

अगर WHO की जांच चीन के खिलाफ शुरू होगी तो कई छिपे तथ्य सामने आएंगे.

ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन के शपथ-ग्रहण समारोह में बीजेपी के दो सांसदों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत से चीन को मिर्ची लग गई है

India से उसने अपने ‘आंतरिक’ मामलों में दखल से बचने को कहा है. बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह था.

दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी और राजस्थान के चुरू से सांसद राहुल कासवान ने इसमें तकनीक के जरिए शिरकत की थी और उन्हें दूसरे कार्यकाल की बधाई दी थी.

समारोह में शामिल हुईं 41 देशों की 92 हस्तियां ताइवान की राष्ट्रपति के शपथ समारोह में 41 देशों की 92 हस्तियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की थी.

इनमें भारत से दो सांसदों के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ भी शामिल थे.

ताइवान की आजादी की समर्थक साई इंग-वेन ने हाल में दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली.

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ताइवान के अमेरिका का भी समर्थन हासिल है.ऐसे में भारत यहां भी चीन के खिलाफ चक्रव्यूह बना सकता है.

South China Sea में तेल के उत्खनन को लेकर चीन और मलेशिया में जारी टकराव के बीच अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ चीन के जंगी जहाज भी पहुंच गए हैं.

भारत का मानना है कि दक्षिण चीन सागर से गुजरने वाले संचार के समुद्री संपर्क हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, स्थिरता, समृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.

मौजूदा स्थिति में भले ही भारत अपने इस रुख में बदलाव न करें लेकिन अगर चीन कोई हिमाकत करेगा तो भारत के रुख में भी बदलाव आ सकता है.

साउथ चाइना सी के अधिकांश भूभाग पर चीन अपना दावा करता है जबकि पड़ोसी देश फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई, चीन के इस दावे को नकारते हैं.

चीन से दुनिया का पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा छिनने के कगार पर है.

कोरोना के कारण लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अधिकारियों से भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं.

इनमें 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में भारत में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से संपर्क में हैं.

अगर बातचीत सफल होती है तो यह चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा.

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लद्दाख में भारत को घेरने में जुटे चीन को हॉन्ग कॉन्ग में तगड़ा झटका लगा है,

कई बार हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए चीनी सरकार ने हॉन्ग-कॉन्ग के लिए नैशनल सिक्यॉरिटी कानून को संसद में पेश किया है.

जिसके खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग में सड़कों पर लाखों लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

वहीं चीन समर्थित पुलिस लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का सख्ती के साथ दमन कर रही है.

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