NSA Ajit Doval ने लद्दाख में LAC पर तनातनी के बीच चीन के विशेष प्रतिनिधियों ने फोन पर बात की. भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की.
नई दिल्ली:LNN:NSA Ajit Doval ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की. लद्दाख में LAC पर तनातनी के बीच भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों ने फोन पर बात की.
NSA Ajit Doval ने भारत की तरफ से चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच 5 जुलाई को बात हुई है.
बातचीत के दौरान हाल के घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई और LAC पर शांति बहाल करने पर ज़ोर रहा.
यह भी पढ़ें:ICMR ने दी कोरोना वैक्सीन बनाए जाने के विवाद पर सफाई
इसके साथ-साथ सेनाओं को पीछे हटाने पर भी जोर रहा.
बातचीत के दौरान सेनाओं को सिलसिलेवार पीछे हटाने पर भी सहमति बनी.
इसके साथ-साथ इस पर भी बात हुई कि कोई पक्ष इकतरफ़ा यथास्थिति न बदले.
बता दें कि आज ही दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की ख़बर आई है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के इस बात पर सहमति बनी कि सीमा मुद्दे पर दो विशेष प्रतिनिधि अपनी चर्चा जारी रखेंगे.
मंत्रालय ने कहा कि टेलीफोन पर हुई वार्ता में NSA Ajit Doval और वांग ने,
पुन: दोहराया कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों में विकास के लिए शांति और स्थिरता की बहाली आवश्यक है.
टेलीफोन पर हुई वार्ता में डोभाल और वांग ने पुन: दोहराया कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का पूर्ण सम्मान करना चाहिए.
यह भी पढ़ें:International flights के परिचालन पर लगी रोक 15 जुलाई तक जारी रहेगी
NSA Ajit Doval और वांग इस बात पर सहमत हुए कि शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए,
वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों का पूरी तरह पीछे हटना सुनिश्चित करना आवश्यक है.
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि चीन ने अपने सैनिकों को गलवान नदी घाटी में कम से कम एक किलोमीटर पीछे किया है.
चीनी सेना के 15 जून को एलएसी पर झड़प वाली जगह से पेट्रोल पॉइंट 14 से 1.5 से 2 किलोमीटर पीछे हटने की खबर है.
भारतीय जवान भी पीछे आ गए और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर ज़ोन बना दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने गलवान नदी के मोड़ से हटना शुरू कर दिया है
और इस इलाके से अस्थायी ढांचों और टेंट को हटा दिया गया है.
वर्तमान में, यह प्रक्रिया सिर्फ गलवान घाटी तक में सीमित है.
सूत्रों ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि क्या पीछे हटने और तनाव कम करने की यह एक स्थायी, वास्तविक प्रक्रिया है.”
सूत्रों के मुताबिक, दोनों ओर बने अस्थायी ढांचों को हटा दिया गया है.
इसका भौतिक रूप से सत्यापन भी किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लद्दाख के दौर पर जाने के तीन दिन बाद चीन सेना के पीछे हटने की खबर आ रही है.
लद्दाख में पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि “विस्तारवाद की उम्र खत्म हो गई है.
यह विकास की उम्र है.इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं
या वापस लौटने के लिए मजबूर हो गई हैं,”
गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद,
भारत और चीन सेना के कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक के पश्चात् दोनों सेनाओं के पीछे हटने की बात सामने आ रही है.
गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में भारत के 20 जवानों की जान गई थी,
जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के हताहत होने की खबर आई थी.