Kanpur Shootout

Kanpur Shootout प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं.

कानपुर:LNN: Kanpur Shootout के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ ही सवाल उठने भी शुरू हो गए हैं.

Kanpur Shootout एक ओर पुलिस इसे गिरफ्तारी बता रही है वहीं विपक्षी दल इसे फिक्स सरेंडर कह रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं.

कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ ही सवाल उठने भी शुरू हो गए हैं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए

सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार ने भी गिरफ्तारी पर सवाल किए हैं, उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के दौरान मीडिया क्या कर रहा था.

आरोपी विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा?

प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है,

बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है…. तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’

और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं.’

प्रियंका ने आगे लिखा, ‘यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा,

सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.’

एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है.

अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी.

उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.

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गिरफ्तारी के लिए मीडिया को क्यों ले जाया गया?
कानपुर शूटआउट में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिजनों ने भी विकास दुबे की नाटकीय गिरफ्तारी पर सवाल उठाए.

सीओ के रिश्तेदार कमलकांत ने कहा, ‘कई अपराधी जेल से बादशाहत चला रहे हैं. 12 घंटे पहले विकास फरीदाबाद में था

और तुरंत वह उज्जैन पहुंच गया.

सुनियोजित तरीके से उसका समर्पण कराया गया. कौन सी पुलिस गिरफ्तारी के लिए मीडिया को लेकर जाती है’.

विकास दुबे ने खुद ही बताई अपनी पहचान?

Kanpur Shootout विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस देश के कई राज्यों में खाक छान रही थी.

2 दिन पहले वह फरीदाबाद में दिखा था। वहीं, यूपी पुलिस के संपर्क किए जाने के बाद एमपी पुलिस भी अलर्ट पर थी.

उसके बाद भी सभी के दावों को विकास दुबे ने हवा निकाल दी है.

उज्जैन पुलिस भले ही दावा कर रही है कि विकास को उसने गिरफ्तार किया है.

लेकिन प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि विकास दुबे ने खुद ही अपनी पहचान बताई थी.

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सुरक्षा एजेंसियों को क्यों नहीं लगी भनक?
फरीदाबाद से उज्जैन पहुंचने के लिए उसे 750 किलोमीटर का सफर तय किया है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विकास सड़क मार्ग के जरिए ही उज्जैन पहुंचा है.

ऐसे में सवाल है कि तमाम इंटेलिजेंस एजेंसियां को भनक क्यों नहीं लगी.

गिरफ्तारी के वक्त विकास दुबे की बॉडी लैंग्वेज पर सवाल
गिरफ्तारी का जो विडियो सामने आया है, उस पर भी लोगों ने सवाल किए हैं.

गिरफ्तारी के दौरान विकास दुबे की बॉडी लैंग्वेज से लग नहीं रहा था कि उसे गिरफ्तार किया गया है.

लोगों ने कहा कि गिरफ्तारी के दौरान विकास दुबे बहुत आराम से चल रहा था

गिरफ्तारी से पहले मंदिर में फोटो क्लिक कराई

महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी से पहले विकास दुबे ने परिसर पर फोटो भी क्लिक कराई.

महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर भी सवाल उठ रहे हैं.

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