UP Police के हवाले करने जा रही उज्जैन पुलिस को विकास दुबे ऐसा करने से मना कर रहा था
उज्जैन:LNN:UP Police गैंगस्टर विकास दुबे की सहयोगियों की तलाश में लगातार एमपी में भी खाक छान रही है. ग्वालियर से उसके 2 रिश्तेदारों को उठाया गया है.
वहीं, उज्जैन में भी यूपी और एमपी पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की है.
UP Police के एक जवान ने इस बीच चौंकाने वाला खुलासा किया है.
वह रास्ते में गिड़गिड़ा रहा था कि मुझे यूपी पुलिस के हवाले मत करो.
दरअसल, उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद गैंगस्टर विकास दुबे कैमरे के सामने चिल्ला-चिलाकर कह रहा था कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं.
इसके जरिए उसने यह जताने की कोशिश की थी कि वह जिंदा पकड़ा गया है.
कानपुर कांड के बाद यूपी में लगातार उसके सहयोगियों का एनकाउंटर हो रहा था.
विकास दुबे के मन में भी यह डर बैठा हुआ था कि एसटीएफ की टीम उसे छोड़ेगी नहीं.
ऐसे में गिरफ्तारी के बाद उज्जैन पुलिस की टीम जब उसे यूपी पुलिस के हवाले करने जा रही थी, तो वह ऐसा करने से मना कर रहा था.
विकास को छोड़ने जा रही टीम में शामिल एक जवान ने स्थानीय अखबार से बात करते हुए कहा है कि विकास लगातार डरा हुआ था.
उसे पता था कि यूपी पुलिस के हाथ लगा तो उसके साथ कुछ गलत हो सकता है.
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विकास को यूपी पुलिस के हवाले करने 16 जवानों की टीम गई थी.
वह लगातार पुलिस की टीम से कहा रहा था कि मुझे उज्जैन जेल में ही डाल दो.
एक जवान ने बताया कि वह उज्जैन में ही रखे जाने को लेकर रास्ते भर गिड़गिड़ा रहा था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान विकास दुबे पुलिस के सामने कई बार रोया था.
विकास दुबे ने उज्जैन में अधिकारियों से भी गुहार लगाई थी कि मुझे कोर्ट में पेशी को बाद उज्जैन जेल में ही भिजवा दो.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कोर्ट में उसकी पेश हुई.
उसके बाद उज्जैन पुलिस ने गुना बॉर्डर पर ले जाकर उसे यूपी पुलिस के हवाले कर दिया.
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उज्जैन के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि वह गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही उज्जैन पहुंच गया था.
उन्होंने बताया कि अलवर से राजस्थान परिवहन निगम की बस से वह झालावाड़ पहुंचा था. झालावाड़ से वह बस के जरिए उज्जैन पहुंचा.
वह सुबह 4 बजे के करीब देवास गेट बस स्टैंड पर उतरा था.वहां से ऑटो लेकर रामघाट गया.
वहां स्नान ध्यान करने के बाद मंदिर में गया.