Corona Vaccine देश में बनी कोरोना वायरस की दो वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू हो गया है.
नई दिल्ली:LNN:Corona Vaccine ट्रायल में भारत भी अमेरिका, चीन, रूस ब्रिटेन जैसे उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है,जहां कोविड-19 का वैक्सीन मानव ट्रायल के फेज में पहुंच चुका है.
देश में संक्रमितों की संख्या 9 लाख से अधिक हो गई है जबकि 24 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन (Covaxin),जायडस कैडिला हेल्थकेयर कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट ZyCoV-D का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है.
ट्रायल के पहले फेज में कंपनी 1,000 पार्टिसिपेंट्स को डोज देगी.
Corona Vaccine का इंसान पर कैसा असर हो रहा है
और उसके कोई साइड इफेक्ट्स तो नहीं हैं, ट्रायल में इसका पता लगाया जाएगा.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने फिलहाल इन्हीं दो वैक्सीन्स को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति दी है.
डीएनए पर आधारित जायडस कैडिला की यह वैक्सीन ZyCoV-D अहमदाबाद के वैक्सीन टेक्नोलॉजी सेंटर (VTC) में डेवलप की गई है.
कंपनी प्री-क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी है.
इंसानों पर ट्रायल के लिए वैक्सीन के बैच तैयार किए जा चुके हैं.
जायडस कैडिला ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन सबसे सुरक्षित मानी जाती है.
कंपनी ने कहा, ‘हमने क्लिनिकल ट्रायल में इम्यूनिटी टेस्ट में अच्छे नतीजे हासिल किए हैं.
ICMR ने कहा है कि वह वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोसेस को ‘फास्ट-ट्रैक’ करने में लगा हुआ है.
ICMR और भारत बायोटेक ने जो वैक्सीन बनाई है, उसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है.
‘सेफ्टी और स्क्रीनिंग’ नाम वाले इसे ट्रायल में करीब डेढ़ हजार वालंटियर्स शामिल गए हैं.
देश के 14 सेंटर्स पर वालंटियर्स को पहले फेज में वैक्सीन की कम डोज दी जाएगी.
दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाना है.
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जायडस कैडिला ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन सबसे सुरक्षित मानी जाती है.
कंपनी ने कहा, ‘हमने क्लिनिकल ट्रायल में इम्यूनिटी टेस्ट में अच्छे नतीजे हासिल किए हैं.’
ICMR ने कहा है कि वह वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोसेस को ‘फास्ट-ट्रैक’ करने में लगा हुआ है.
भारत में जिन दो वैक्सीन कैंडिडेट्स को आगे के ट्रायल के लिए अप्रूव किया गया है, वे कड़ी टेस्टिंग से गुजरी हैं.
ये वैक्सीन पहले चूहों और खरगोश पर टेस्ट की गई हैं और उसका डेटा DGCI को सबमिट किया.
डेटा एनालिसिस के बाद ही दोनों वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल के लिए हरी झंडी दी गई है.
Covaxin का भी कई साइट्स पर चल रहा ह्यूमन ट्रायल
ICMR और भारत बायोटेक ने जो वैक्सीन बनाई है, उसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है.
‘सेफ्टी और स्क्रीनिंग’ नाम वाले इसे ट्रायल में करीब डेढ़ हजार वालंटियर्स शामिल गए हैं.
देश के 14 सेंटर्स पर वालंटियर्स को पहले फेज में वैक्सीन की कम डोज दी जाएगी.
दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाना है.
ICMR ने वैक्सीन ट्रायल में एक नया प्रोटोकॉल जोड़ते हुए वालंटियर्स के ऐंटीबॉडी टेस्ट को जरूरी कर दिया है.
इससे ये पता चल सकेगा कि वालंटियर्स में कोविड-19 के प्रति ऐंटीबॉडी डेवलप हुई हैं या नहीं.
अगर शरीर में ऐंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को जल्दी इन्फेक्शन नहीं होगा.
रूस ने वैक्सीन का ट्रायल पूरा कर लेने की बात कही है,
तो अमेरिका में भी कोविड-19 के पहले टीके का परीक्षण अंतिम चरण में है.
इस टीके को नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ ऐंड मॉडर्ना इंक में फाउची के सहकर्मियों ने विकसित किया है.
दुनियाभर में कोविड-19 के करीब दो दर्जन टीकों पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है.