Babri Case Update कोर्ट ने कहा- विध्वंस सुनियोजित नहीं था.28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में आखिरकार फैसला आ गया है. लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया.
नई दिल्ली:LNN:Babri Case Update बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम 32 आरोपियों को अदालत से बाइज्जत बरी कर दिया गया.
इस फैसले के बाद बीजेपी में खुशी की लहर दौड़ गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बुजुर्ग नेता को बधाई दी है.
वहीं, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद आडवाणी के घर पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे देर से ही सही पर न्याय की जीत बताई है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court) में मामले की सुनवाई में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में, आरोपियों को अदालत से बाइज्जत बरी कर दिया.
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बाबरी मामले में 28 साल बाद सीबीआई के स्पेशल जज एसके यादव आज ही रिटायर हो रहे हैं. उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले विस्तार दिया गया है.
जिनमें से 17 लोगों का निधन हो चुका है, बाकि 32 आरोपियों को कोर्ट ने मौजूद रहने के लिए कहा गया था लेकिन 26 आरोपी ही कोर्ट पहुंचे हैं.
Lucknow: Security tighetened around Special CBI court. The court will pronounce its verdict today, in Babri Masjid demolition case. pic.twitter.com/ArCv47NDsB
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
बता दें कि कोरोना महामारी और स्वास्थ्य कारणों से कुछ आरोपियों ने ऐसा कर पाने में असमर्थता जताई थी.
Babri Case Update 92 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी और 86 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी ने कथित रूप से पेशी से छूट मांगी थी.
उमा भारती कोरोना से पीड़ित हैं और अस्पताल में हैं जबकि कल्याण सिंह का भी कोरोना का इलाज जारी है.
Delhi: Law & Justice Minister Ravi Shankar Prasad arrives at the residence of senior BJP leader Lal Krishna Advani who, along with 31 other accused, was acquitted in #BabriMasjid demolition case by Special CBI Court in Lucknow today. pic.twitter.com/oNHImAWP7i
— ANI (@ANI) September 30, 2020
केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए.
इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है.
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उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन गत 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गई थी.
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी.