Hathras Case में हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को लापरवाही व शिथिल पर्यवेक्षण पर सस्पेंड कर दिया गया.
लखनऊ:LNN: Hathras Case में गठित विशेष जांच दल ने पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी. इस रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने हाथरस के एसपी व चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एसपी समेत चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए.
यूपी सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को लापरवाही व शिथिल पर्यवेक्षण पर सस्पेंड कर दिया गया.
सीओ राम शब्द, एसआई जगवीर सिंह, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा और हेड कांस्टेबल महेश पाल का निलंबन किया गया.
निलंबित हुए इन पुलिसकर्मियों के अलावा सभी वादी प्रतिवादी अन्तर्ग्रस्त व्यक्तियों व पुलिस के पालीग्राफी व नारको टेस्ट भी कराए जाएंगे.
एसपी विक्रांत वीर की जगह शामली के विनीत जायसवाल हाथरस के नए एसपी का कार्यभार संभालेंगे.
हाथरस में पीड़ित के परिवार के सदस्य ने आरोप लगाया है कि उन्हें हर तरह से मीडिया से बात करने से रोका जा रहा है क्योंकि प्रशासन ने हाथरस के इस गांव में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.
शुक्रवार की सुबह, पीड़ित परिवार के एक नाबालिग को परिवार के सदस्यों ने भेजा कि वो किसी भी तरह मीडिया तक पहुंचने के लिए और उनसे जुड़ने के लिए कहें.
इसके अलावा नाबालिग ने खुलासा किया कि उन्हें कथित तौर पर अपने मोबाइल को स्विच-ऑफ करने के लिए कहा गया था और कुछ मोबाइल जब्त किए गए थे.
हाथरस में गैंगरेप की शिकार 20 साल की युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है.
हैवानियत की हदें पार करने वाली यह घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को हुई थी.
पीड़िता के मौत के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस तैनात थी. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिसवालों ने स्कॉट कर डेडबॉडी का दाह संस्कार कर दिया.
आरोप है कि इस दौरान पीड़ित परिजनों को पुलिस ने घर में बंद कर दिया था.
विरोध के बीच पुलिस एम्बुलेंस को सीधे अंतिम संस्कार वाले स्थान पर लेकर गई और रात करीब 2.30 बजे उसका दाह संस्कार कर दिया गया.