Sushant Singh Case में शिवसेना ने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस को बदनाम करने वाले नेताओं और समाचार चैनलों को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए.
नई दिल्ली:LNN:Sushant Singh Case में सीबीआई द्वारा गठित एम्स पैनल की रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है कि यह आत्महत्या का मामला है. एम्स ने रिपोर्ट में किसी भी तरह की हत्या की बात से इनकार किया है.
वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ‘यह एम्स फॉरेंसिक मेडिकल बोर्ड के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता की रिपोर्ट है.
उनका शिवसेना से कोई राजनीतिक संबंध या किसी भी तरह का संबंध नहीं है.’
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राउत ने कहा, ‘शुरुआत से ही इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है.
यदि अब सीबीआई जांच पर भी भरोसा नहीं किया जा रहा है, तो हम अवाक हैं.’
शिवसेना ने कहा कि इस मामले में मुंबई पुलिस को बदनाम करने वाले नेताओं और समाचार चैनलों को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए.
Sushant Singh Case की मौत पर सवाल उठाने वालों पर पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में निशाना साधा गया.
Since the very beginning, in this case, there has been a conspiracy to malign Maharashtra govt & Mumbai Police. If now CBI inquiry is also not being trusted, then we’re speechless: Shiv Sena leader Sanjay Raut. #SushantSinghRajputDeathCase https://t.co/TC9AejF0h9
— ANI (@ANI) October 5, 2020
संपादकीय में लिखा गया, ‘सीबीआई जांच में पता चला है कि सुशांत एक चरित्रहीन और चंचल कलाकार था’.
गौरतलब है कि सीबीआई जांच से पहले मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, जिसपर कई लोगों ने सवाल उठाया था.
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि इस मामले पर जमकर राजनीतिकरण हुआ, ताकि महाराष्ट्र सरकार की छवि धूमिल की जा सके.
बिहार चुनाव के लिए मुद्दों को अभाव है, इसलिए नीतीश कुमार और वहां के नेताओं द्वारा इसे भुनाने की कोशिश की गई.
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सामना में लिखा गया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को इस मुद्दे को लेकर वर्दी में नचाया गया और आखिरकार वह राजनीति में कूदे और नीतीश की पार्टी में शामिल हो गए.
इससे उनकी खाकी वर्दी का वस्त्र हरण हो गया.
संपादकीय में लिखा गया कि कुछ लोगों द्वारा कहा गया कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती है,
इसलिए सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए.
लेकिन इस बात की मांग के लिए चिल्लाने वाले यह सवाल नहीं पूछ पाए कि आखिर 40-50 दिनों से सीबीआई क्या कर रही है?
Sushant Singh Case के जरिए महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस का ‘मीडिया ट्रायल’ किया गया.