World food programme वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को मिला नोबल शांति पुरस्कार

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World food programme वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ही वह मुख्य संस्था है जिसके जरिए संयुक्त राष्ट्र भुखमरी खत्म करने के लक्ष्य को पाने की दिशा में काम करता है.

नई दिल्ली:LNN: World food programme को नोबल शांति पुरस्कार  दुनिया भर में भूख को मिटाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले संगठन को दिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का वर्ल्ड फूड प्रोग्राम पिछले कई सालों से भुखमरी (खासतौर पर संघर्ष या युद्धग्रस्त क्षेत्रों में) खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.

कोरोना काल में इस संगठन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. नॉर्वे की नोबेल समिति ने कहा कि युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की अहम भूमिका रही है.

2019 में 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों तक वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सहायता पहुंची.

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में से एक भुखमरी खत्म करना भी है.

World food programme वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ही वह मुख्य संस्था है जिसके जरिए संयुक्त राष्ट्र भुखमरी खत्म करने के लक्ष्य को पाने की दिशा में काम करता है.

नोबेल समिति ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते दुनियाभर में भूखे लोगों की संख्या में लाखों का इजाफा हुआ है.

2019 में भी 13 करोड़ से ज्यादा लोग अत्यधिक भुखमरी का शिकार हुए थे.

ये तादाद पिछले सालों से काफी अधिक थी.

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के बारे में खास बातें

  • संयुक्त राष्ट्र का वर्ल्ड फूड प्रोग्राम युद्ध, प्राकृतिक आपदा और अकाल जैसी आपात स्थितियों में खाद्य सहायता मुहैया करता है.
  • इसकी शुरुआत 1962 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के सुझाव से हुई. उनका कहना था कि क्यों न प्रयोग के तौर पर यूएन की तरफ से खाद्य सहायता शुरू की जाए.
  • डब्ल्यूएफपी को बने कुछ ही समय हुआ था कि तभी उत्तर ईरान में भयंकर भूकंप आया जिसमें 12000 से ज्यादा लोगों को मौत हो गई.
  • वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने 1500 मैट्रिक टन गेहूं, 270 टन चीन और 27 टन चाय भेजी. थाइलैंड में आए तूफान के दौरान और अल्जीरिया में युद्ध शरणार्थियों की भी इसने मदद की.
  • 1963 में डब्ल्यूएफपी का पहला स्कूल मील प्रोजेक्ट शुरू हुआ. 1965 में यह पूरी तरह संयुक्त राष्ट्र का प्रोग्राम बन गया.
  • 2019 में 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों को खाद्य सहायता दी.

  • वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के पास 5600 ट्रक, 30 जहाज और 100 के आसपास विमान है. हर साल वह राशन की 1500 करोड़ डिलीवरी करता है.
  • डब्ल्यूएफपी का मुख्यालय इटली के रोम में है. दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में इसके कार्यालय हैं.
  • डब्ल्यूएफपी यूएन की दो अन्य एजेंसी खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के साथ मिलकर काम करती है.
  • वर्ल्ड फूड प्रोग्राम पूरी तरह से स्वैच्छिक दान से चलने वाला संगठन है. इसमें ज्यादातर फंड सरकारों से आता है.2019 में इसके पास 8 बिलियन डॉलर (करीब 585 अरब रुपये) का फंड आया जिससे इसने 4.2 मैट्रिक टन फूड और 2.1 बिलियन डॉलर कैश और वाउचर में इस्तेमाल किया.
  • डब्ल्यूएफपी में 1700 कर्मचारी काम करते हैं.इनमें 90 फीसदी कर्मचारी उन्हीं देशों से हैं जहां वह सहायता मुहैया करा रहा है.Follow us on Facebook

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