Exit Poll Bihar Election 2020 टुडेज चाणक्य के बिहार विश्लेषण के मुताबिक, जेडीयू वाले एनडीए गठबंधन के खाते में 55 सीटें और आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन को 180 सीटें मिल सकती हैं.
पटना:LNN:Exit Poll Bihar Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में शनिवार को तीसरे चरण की वोटिंग के साथ ही चुनाव संपन्न हो गया है. अब सभी की निगाहें चुनाव नतीजों पर है.
10 नवंबर को मतगणना के बाद फाइनल नतीजे सामने आएंगे.
हालांकि, नतीजों से पहले बिहार चुनाव में इस बार किसकी सरकार बन सकती है, इसको लेकर चाणक्य ने एग्जिट पोल किया है.
बिहार चुनाव के लिए चाणक्य के एग्जिट पोल (Exit Poll Bihar Election 2020) में किसे कितनी सीटें मिलने की संभावना है.
आप एग्जिट पोल के जरिए अनुमान लगा सकेंगे कि बिहार में किसका पड़ला भारी है और जनता किसपर भरोसा जता रही है।
टुडेज चाणक्य के बिहार विश्लेषण के मुताबिक, जेडीयू वाले एनडीए गठबंधन के खाते में 55 सीटें और आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन को 180 सीटें मिल सकती हैं.
महागठबंधन क्लीन स्वीप करते हुए दिखाई दे रहा है. जबकि अन्य के खाते में 8 सीटें जा सकती हैं.
Today’s Chanakya Exit Polls for Bihar के लिए कई सवाल किए गए. लोगों से पूछा गया-
क्या आप राज्य में सरकार बदलना चाहते हैं?
इस सवाल के जवाब में 63 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो सरकार बदलना चाहते हैं. जबकि 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो सरकार नहीं बदलना चाहते हैं.
वोटिंग पर किस मुद्दे ने असर डाला? इस पर 35 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा माना.
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जबकि 19 प्रतिशत लोगों की नजर में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहा. वहीं 34 प्रतिशत लोगों के लिए अन्य मुद्दे रहे.
मौजूदा मुख्यमंत्री को क्या रेटिंग देगें? इसके जवाब में 21 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा सीएम को अच्छा माना, जबकि 29 प्रतिशत लोगों ने औसत और 37 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री को बुरा माना.
इस चुनाव में जातिया किधर जाएंगी? टुडेज चाणक्य के मुताबिक- अगड़ी जातियां में से 60 प्रतिशत लोग जेडीयू (एनडीए) के साथ और 29 प्रतिशत आरजेडी (महागठबंधन) के साथ जा सकते हैं.
यादव 22 प्रतिशत जेडीयू+ और 69 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जाने की संभावना है. जबकि मुस्लिम में 12 प्रतिशत जेडीयू+ के साथ और 80 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जाने की उम्मीद है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो आरजेडी के लिए MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) ने फायदा पहुंचाते दिख रहे हैं.
वहीं अनुसूचित जाति में से 39 प्रतिशत जेडीयू+ के साथ जबकि 34 फीसदी आरजेडी वाले महागठबंधन के साथ जाने की संभावना है.
वहीं आर्थिक रूप से पिछड़ी जाति में 40 फीसदी जेडीयू नेतृत्व वाले एनडीए और 33 प्रतिशत आरजेडी+ के साथ जा सकती हैं.
बात अगर अन्य पिछड़ा जाति की करें तो 51 प्रतिशत एनडीए के साथ और 30 प्रतिशत महागठबंधन के साथ जाती हुई दिख रही हैं.
टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में वोटो का अनुमान- जेडीयू वाले एनडीए को 34 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है.
जबकि आरजेडी वाले महागठबंधन को 44 प्रतिशत वोट और अन्य के खाते में 22 प्रतिशत वोट जाने की संभावना है.
आज आखिरी और तीसरे चरण के तहत 78 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ.
बिहार में तीसरे चरण के लिए हुए मतदान में शाम पांच बजे तक 50.96 प्रतिशत मतदान हुआ.
जबकि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 94 सीटों पर हुए मतदान का कुल प्रतिशत 55.70 रहा था.
पटना की बांकीपुर सीट पर कांग्रेस (Congress) के लव सिन्हा, बीजेपी (BJP) के नितिन नवीन और प्लुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया के बीच मुकाबला है.
प्लुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया पहली बार चुनावी मैदान में हैं. पुष्म प्रिया ने खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर चुकी हैं.
पटना की पटना साहिब सीट पर बीजेपी के नंदकिशोर यादव और कांग्रेस के प्रवीण सिंह के बीच टक्कर है.
नंदकिशोर नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) में मंत्री भी हैं.
#TCPoll#BiharElection2020
Seat Projection
BJP – JDU+ 55 ± 11 Seats
RJD – Cong+ 180 ± 11 Seats
Others 8 ± 4 Seats— Today’s Chanakya (@TodaysChanakya) November 7, 2020
नंदकिशोर 25 साल से लगातार विधायक हैं. वहीं परसा सीट से जेडीयू (JDU) के टिकट पर लालू (Lalu Prasad Yadav) के समधी चंद्रिका राय चुनाव लड़ रहे हैं.
आरजेडी (RJD) के छोटे लाल राय से उनकी टक्कर है.
हसनपुर सीट से आरजेडी के तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और जेडीयू के राज कुमार राय के बीच टक्कर है.
हसनपुर यादवों का गढ़ माना जाता है. जेडीयू के प्रत्याशी राज कुमार राय दो बार विधायक रह चुके हैं.
रोहतास की दिनारा सीट पर जेडीयू के जय कुमार और एलजेपी (LJP) के राजेंद्र सिंह के बीच टक्कर है.
जेडीयू ने मंत्री जय कुमार को फिर टिकट दिया है. एलजेपी ने बीजेपी से बागी को उम्मीदवार बनाया है.
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी के साथ चुनाव लड़ा था.
आरजेडी को नीतीश के साथ का फायदा मिला था, जिससे आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी, जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी. वहीं बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थी.