NIA सचिन वाजे के घर से एक पासपोर्ट मिला है, लेकिन वो सचिन वाजे का नही है. एनआईए को पता करना है कि वो किसका है और सचिन वाजे के पास ये पासपोर्ट क्यों था ?
मुंबई:LNN:NIA ने रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के पास लावारिस कार में विस्फोटक रखने के मामले और कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या से जुड़े केस में आरोपी सचिन वाजे को शनिवार कोर्ट में पेश किया गया. एनआईए की टीम ने उसे कोर्ट में पेश किया.
NIA एनआईए की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिहं ने NIA को औऱ 6 दिन वझे की कस्टडी बढ़ाकर देने की मांग की है.
सिंह का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 27 के तहत सचिन वाजे के खुलासे पर मीठी नदी से सबूतों की बरामदगी हुई है.
सचिन वाजे के घर से एक पासपोर्ट मिला है, लेकिन वो सचिन वाजे का नही है. एनआईए को पता करना है कि वो किसका है और सचिन वाजे के पास ये पासपोर्ट क्यों था ?
एनआईए ने अदालत को बताया कि वर्सोवा में DCB बैंक में सचिन वाजे और एक सह आरोपी का जॉइन्ट बैंक अकाउंट है,जिसमें 1 मार्च तक 26.5 लाख रुपये थे.उसका एक जॉइंट लॉकर भी है, उसी ब्रांच में.
NIA एनआईए को लगता है कि लॉकर में केस से जुड़ा कुछ रखा था.
इसके पहले सचिन वाजे के वकील आबाद पोंडा ने अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल यानी सचिन वाजे ने कोई बयान नहीं दिया है, जिसके आधार पर एनआईए सबूतों को मीठी नदी से निकालने का दावा कर रही है.
ये सब सुनियोजित है. मीठी नदी एक लंबी नदी है और गहरी भी है. इसमें बहुत आसानी से कुछ मिल पाना बहुत मुश्किल है.
उन्होंने 28 मार्च को यह रिकवरी की थी, अगर वे मुझसे इस बारे में कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तब से 5 दिन हो गए हैं, लेकिन मुझे तब से एक भी सवाल नहीं पूछा गया है. बैंक का जॉइंट अकॉउंट भी उनका नहीं है.
NIA एनआईए की ओर से ASG Anil Singh ने कहा कि इस केस में हम अब तक 7 लग्जरी कारें जब्त कर चुके हैं. सबसे नई जब्ती 2 अप्रैल को सफेद मर्सिडीज की हुई थी.
2 अप्रैल को अब तक 50 गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं और 30 पंचनामा हुए हैं. अभी 120 टीबी सीसीटीवी डेटा के साथ सचिन वाजे से पूछताछ करनी है.
लॉकर के बारे में पूछताछ करनी है और पैसों का स्रोत जानना है. IPDR डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि 25 मार्च को सीसीटीवी में दिख रहा शख्स वाजे ही है.
सचिन वाजे को मौके पर ले जाकर सीन रिक्रिएट करवाया गया था. अपराध में इस्तेमाल दोअन्य कारें पहले ही जब्त हो चुकी हैं.
13 मार्च को सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद उसे 18 मार्च को खोला गया था और उसमे सामान निकाला गया है.
गौरतलब है कि एनआईए ने रविवार को एपीआई सचिन वाजे को बांद्रा की मीठी नदी ले जाकर गोताखोरों की मदद से डीवीआर, लैपटॉप समेत कई महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए थे.
मुंबई में मीठी नदी से मिली नंबर प्लेट औरंगाबाद की एको कार की है.औरंगाबाद निवासी विजय मधुकर नाडे ने बताया कि उनकी मारुति 16 नवंबर 2020 को चोरी हो गई थी.
उन्होंने लिखित शिकायत भी की थी लेकिन अब तक उनकी कार का कुछ पता नही चला है.
औरंगाबाद छत्रपति नगर के विजय नाडे जालना में समाज कल्याण विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं.
नाले में तलाशी ली गई.इसमें मौके से एक डीवीआर, हार्ड डिस्क (Hard Disk) और कार का नम्बर प्लेट भी मिला है.
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एक ही नम्बर की दो नंबर प्लेट मिली हैं. पानी मे जो डाइवर्स उतरे, वो सफाई मजदूर लग रहे थे, क्योंकि नाले में पानी ज्यादा नही था, इसलिए उनकी मदद से सबूत खोजने की कोशिश की जा रही है.
एनआईए ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर), सीपीयू, एक लैपटॉप भी बरामद किया है.
गोताखोरों की मदद से तलाशी के दौरान एनआईए ने नदी से राउटर, कंप्यूटर कार्टेज और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं.