कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के चिकित्सीय प्रबंध करने के साथ ही सूबे की गरीब परिवारों की भूख मिटाने का इंतजाम करने में भी जुटी है.
लखनऊ:LNN:प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश भर में मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अन्न (चावल/गेहूं) मुफ्त में दिया जाना है.
इस योजना के तहत सूबे में साढ़े तीन करोड़ से अधिक राशनकार्ड धारकों पर साढ़े 14 करोड़ लोगों को प्रदेश सरकार मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अन्न (चावल/गेहूं) मुफ्त में देगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि राशन वितरण के इस कार्य में कोई कमी ना रहे.
अपनी इस मंशा से उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है.
ऐसे में अब खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी सूबे में साढ़े चौदह करोड़ लोगों को राशन मुहैया कराने की व्यवस्था करने में जुट गए हैं.
कोरोना संक्रमण की तीखी लहर की बीच करोड़ों राशन कार्ड धारकों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराते हुए राशन बांटना कोई आसान कार्य नहीं हैं.
प्रदेश में 3 करोड़ 55 लाख राशन कार्ड धारक हैं और साढ़े चौदह करोड़ लोगों को महीने में एक बार राशन बंटता है.
प्रदेश का खाद्य विभाग साढ़े तीन करोड़ राशन काडरें पर साढ़े चौदह करोड़ लाभार्थियों को गेहूं दो रुपए किलो और चावल तीन रुपए किलो के सब्सिडाइज्ड रेट पर राशन देता है.
प्रदेश की 80 हजार राशन की दुकानों के जरिए यह राशन हर महीने की 01 से 12 तारीख के बीच बांटा जाता है.
इनके लिए साढ़े सात लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठान हर महीने करना होता है.
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नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत बंटने वाले इस राशन को फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के गोदामों से लेकर प्रदेश में मौजूद 80 हजार सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के जरिए बांटा जाता है.
प्रत्येक यूनिट पर तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल वितरण के हर चक्र में मिलता है.
हर महीने एक चक्र में यूपी में 75 लाख क्विंटल अनाज बांटा जाता है.
राशन वितरण का यह कार्य हमेशा ही एक चुनौती भरा काम रहा है.
अब कोरोना संकट के चलते इस कार्य को करने के लिए अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
प्रदेश की प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना को पूरा भरोसा है कि कोरोना के इस संकट के बीच भी उनके विभाग के लोग सुरक्षित तरीके से लोगों को राशन मुहैया कराने में सफल होंगे.
इसे लेकर उन्होंने जो रणनीति तैयार की है, उसके अनुसार हर राशन की दुकान पर एक नोडल अधिकारी की देखरेख में राशन वितरण का कार्य कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा.
जिसके तहत सभी राशन कार्ड धारकों को राशन मिलेगा और सुरक्षित तरीके से राशन मिलेगा.
कहीं कोई भीड़ नहीं लगेगी और कोई हंगामा भी नहीं होगा.
क्योंकि हर राशन की दुकान पर पर्याप्त गेंहूं और चावल वितरित करने के लिए हो इसकी पुख्ता व्यवस्था कर ली गई है.
राशन की दुकानों पर ई-पॉस मशीन से बायोमीट्रिक आथेन्टिफिकेशन के जरिए राशन बांटा जाएगा.
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बीते साल लॉकडाउन के दौरान इस तकनीक के जरिए ही राशन वितरित किया गया था.
मई और जून में वितरित किए जाने वाले राशन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जाएगी.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राशन वितरण एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है.
ई-पॉस मशीनें सॉफ्टवेयर के जरिए संचालित होती हैं। इसका बाकायदा एक डैशबोर्ड बना हुआ.
इसके जरिए राशन बांटने की पल-पल की खबर आती रहती है.
इस डैशबोर्ड के जरिए यूपी की हर दुकान और एक-एक राशन कार्ड की पूरी सूचना देखी जा सकती है.
इस व्यवस्था के जरिए ही खाद्य विभाग के अफसरों का दावा है कि वह हर राशन कार्ड धारक को मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार राशन मुहैया कराने में सफल होंगे.
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मुख्यमंत्री इस मामले में किसी भी तरह की सुस्ती को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बीती 16 अप्रैल को उन्होंने इसका संकेत भी तब दिया था, जब उन्होंने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करते हुए यह ऐलान किया था कि प्रदेश सरकार मजदूरों.
गरीब परिवारों को मदद के लिए मुफ्त में राशन देगी और इन सभी के खाते में पैसे डालेगी.
तब मुख्यमंत्री यह भी कहा था कि प्रदेश सरकार इस साल भी जरूरतमंदों का भरण-पोषण भत्ता और राशन उपलब्ध करायेगी। इसके लिए भरण/पोषण के पात्र लोगों की लिस्ट अपडेट कर ली जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह राशन वितरण कार्य की व्यवस्था की समीक्षा कर ली जाए.
भत्ता वितरण डीबीटी प्रणाली के माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस संबंध में कार्य किया गया और अब इसी क्रम में खाद्य एवं रसद विभाग ने जो तैयारी की, उसके तहत मई और.
जून में साढ़े तीन करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों पर साढ़े 14 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जायेगा.