New Delhi:LNN: Corona Pandemic की दूसरी लहर में वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल को मुहैया कराने के लिए इनकार कर रहा अमेरिका आखिरकार तैयार हो गया है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारतीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बीच में हुई इस बातचीत में अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चा माल देने पर सहमति जताई है.
अमेरिका ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में काम आने वाले प्रमुख कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि उसका पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की जरूरतों को देखना है.
दोनों देशों के एनएसए के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया है.
बयान में कहा गया है कि अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने भारत के साथ एकजुटता जाहिर की है.
दोनों देशों की सात दशकों की स्वास्थ्य साझेदारी है, जिसमें पोलियो, एचआईवी, स्मॉलपॉक्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई.
अब दोनों देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ भी साथ लड़ाई जारी रखेंगे.
महामारी की शुरुआत में जिस तरह भारत ने अमेरिका के अस्पतालों के लिए मदद भेजी थी, उसी तरह अमेरिका ने भी भारत के मुश्किल के समय में मदद करने के लिए दृढ़ता दिखाई है.
क्या कहा है अमेरिका ने?
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार, अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के भारतीय निर्माण के लिए आवश्यक जरूरी कच्चे माल की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे.
भारत में फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाने और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जरूरी वेंटिलेटर्स, पीपीई किट्स, रेपिड डायगनॉस्टिक टेस्ट किट्स आदि भी तुरंत मुहैया करवाई जाएंगी.
साथ ही अमेरिका भारत को तुरंत ऑक्सीजन जेनरेशन और उससे जुड़ी सप्लाई को देने के लिए विकल्पों पर काम कर रहा है.
नए मामलों ने बढ़ाई मुश्किल.
देश में पिछले कई दिनों से रोजाना तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं.
दूसरी लहर की वजह से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी असर पड़ा है, जिसके चलते अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन की कमी आने लगी है.
रविवार सुबह सामने आए आंकड़ों के अनुसार, बीते दिन तकरीबन साढ़े तीन लाख नए मामले सामने आए हैं.
Corona Pandemic की शुरुआत के बाद से किसी भी देश में इतने अधिक कोरोना के केस कभी सामने नहीं आए थे।
भारत के इस संकट की घड़ी में कई देशों ने मदद की पेशकश की है.
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चीन, पाकिस्तान, ब्रिटेन समेत कई देश भारत के साथ आए हैं.
ब्रिटेन ने रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन संकेंद्रक समेत अन्य जीवन-रक्षक चिकित्सा उपकरण भेजने की घोषणा की है.
दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से निपटने में सहायता के लिए 600 मेडिकल उपकरण भारत भेजे जाएंगे.
सीरम के सीईओ ने भी किया था अनुरोध
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अनुरोध किया था कि अमेरिका वैक्सीन के कच्चे माल पर लागू व्यापारिक प्रतिबंधों को हटाए.
अदार पूनावाला ने एक ट्वीट करते हुए कहा था आदरणीय राष्ट्रपति, अगर हम अमेरिका के बाहर वैक्सीन इंडस्ट्री की ओर से इस वायरस के खात्मे के लिए वास्तव में एकजुट हैं.
तो मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अमेरिका बाहर कच्चे माल के निर्यात का प्रतिबंध हटाने का अनुरोध करता हूं.
इससे वैक्सीन का उत्पादन बढ़ सकता है.
आपके प्रशासन के पास डिटेल्स हैं.