Delhi High court ने केंद्र सरकार को कहा , दिल्ली को आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो रही है

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Delhi High court
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नई दिल्ली:LNN: Delhi High court ने दिल्ली में पर्याप्त ऑक्सीज़न की सप्लाई (Oxygen Supply) पर केंद्र सरकार को कहा है कि आपको सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा.

अवमानना की कार्यवाही अंतिम बात हो सकती है. अब बहुत हो गया है, (Enough is Enough).

ऑक्सीज़न सप्लाई के जवाब में न नहीं सुनेंगे – Delhi High court

कोई रास्ता नहीं है कि आप तुरंत 700 की आपूर्ति नहीं करेंगे.

अनुपालन के अलावा हम कुछ नहीं सुनेंगे.

HC ने अपने आदेश में कहा, ‘यह हमारे ध्यान में लाया गया है कि दिल्ली को आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को ऐसा करने का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित किया है.

केंद्र ने कहा है कि कल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अनुपालन हलफनामा दायर किया जा रहा है.

हम यह समझने में विफल हैं कि जब आवश्यक ऑक्सीजन दिल्ली में नहीं लाई जा रही है तो हलफनामा क्या करेगा,

यहां तक कि एक दिन भी आवंटित ऑक्सीजन वितरित नहीं की गई है.

हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि एक मई के हमारे आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना ​​की कार्रवाई क्यों न की जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑक्सीजन देने आदेश पारित किया था.



HC ने तल्‍ख लहजे मेें कहा, ‘आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में अपना सिर छिपा सकते हैं, हम नहीं’

HC ने कहा कि केंद्र का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति का निर्देश नहीं दिया है. हम केंद्र से असहमत हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से केंद्र को निर्देश दिया है कि वह कमी को पूरा करते हुए दिल्ली को प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रदान करे.

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र ने जो आश्वासन दिया है वह निश्चित रूप से पूरा नहीं हो रहा है. हम ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए दिन-रात अस्पतालों और नर्सिंग होम के SoS को निजी तौर पर देख रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की 976 MT प्रति दिन की अनुमानित मांग को भी ध्यान में रखा है जब एक बार चिकित्सा बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी.

Delhi High court ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि एक मई के हमारे आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना ​​की कार्रवाई क्यों न की जाए जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऑक्सीजन देने आदेश पारित किया था.

 

हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिकारियों को अदालत में उपस्थिति रहने का निर्देश दिया.

HC ने कहा कि हमें पता नहीं केंद्र का अनुपालन हलफनामा कितना सही होगा.

पहले भी 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मात्रा एक दिन के लिए वितरित नहीं की गई है.

एएसजी चेतन शर्मा ने प्रस्तुत किया कि SC ने दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का निर्देश नहीं दिया है.

हम असहमत हैं.



हम इस बात को खारिज करते हैं कि GNCTD मौजूदा बुनियादी ढांचे के मद्देनजर प्रति दिन 700 मीट्रिक टन प्राप्त करने की हकदार नहीं है.

HC ने कहा कि यह हमें पीड़ा देता है कि किस तरह ऑक्सीजन की आपूर्ति के पहलू को केंद्र द्वारा देखा जा रहा है.

हम हर रोज़ गंभीर वास्तविकता को देखते हैं क्योंकि अस्पताल को बेड की संख्या कम करनी पड़ती है.

बुधवार को होने वाली सुनवाइ में केंद्र के अफसरों को पेश होने आदेश दिया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि जब लोग मर रहे हैं तो ये एक भावनात्मक मामला है.

आप इस पर अंधे हो सकते हैं हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते.

ये दुखद है कि दिल्ली में ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जान जा रही है.

आप इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं. जो दिल्ली सरकार कह रही है वो सिर्फ बयानबाजी (rhetoric) नहीं है.




दरअसल दिल्ली सरकार ने कहा था कि केंद्र को 590 MT ऑक्सीजन देनी है.

लोग मर रहे हैं.इस पर एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि बयानबाजी में नहीं आना चाहिए.

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