Sputnik V की पहली डोज डॉ. रेड्डीज लैब के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड दीपक सापरा को दी गई है.इसकी एक डोज की कीमत 995 रुपए होगी.
नई दिल्ली:LHNN:Sputnik V को भारत में इस्तेमाल से जुड़ी जरूरी क्लियरेंस मिल गई है. हैदराबाद में इसकी पहली डोज भी दी गई है.डॉ. रेड्डीज लैब की तरफ से बताया गया है कि स्पुतनिक-वी की इम्पोर्ट की हुई प्रति डोज की कीमत 948+5% जीएसटी यानी 995 रुपए होगी.
वहीं लोकल सप्लाई शुरू होने पर कीमत कम होने संभावना है. इस टीके को सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरीज (CDL) से जरूरी मंजूरी मिल गई है.
Sputnik V की आयातित डोज की पहली खेप भारत में 1 मई को पहुंची थी. इस वैक्सीन को 13 अप्रैल को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी.
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रेड्डी लेबोरेट्रीज के अनुसार, ‘आयातित डोज की और खेपों के आगामी महीनों में पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद इस वैक्सीन की आपूर्ति भारतीय विनिर्माण साझेदार की ओर से की जाएगी.’ 91.6% के साथ स्पूतनिक V की प्रभावशीलता (efficacy) अन्य दो वैक्सीन की तुलना में अधिक है.
भारत में इस समय ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन-कोवैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है.
कोविशील्ड का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया गया जा रहा है जबकि कोवैक्सीन का निर्माण हैदराबाद में हो रहा है.
स्पूतनिक वैक्सीन, लिक्विड और पाउडर, दोनों रूपों में उपलब्ध होगी. लिक्विड को माइनस 18 डिग्री तापमान में स्टोरी करना होगा. दूसरी ओर, पाउडर फॉर्म को 2 से 8 डिग्री के बीच रखा जा सकता है.जानकारी के मुताबिक, देश में Sputnik V का निर्माण जुलाई से शुरू हो जाएगा.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने बताया कि अगले हफ्ते से Sputnik V वैक्सीन देश में उपलब्ध हो जाएगी और जुलाई से भारत में भी इसका निर्माण शुरू हो जाएगा.
Sputnik V की अगले 5 महीनों में 2 बिलियन डोज उपलब्ध होंगी.
पिछले वर्ष अगस्त में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यह ऐलान अमेरिका से लेकर ब्रिटेन का चौंका दिया था कि उनके देश ने दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन तैयार कर ली है.
पुतिन ने दुनिया को बताया था कि उनकी बेटी को वैक्सीन की डोज दी गई है. इसके बाद अक्टूबर 2020 में रूस ने अपने देश में वैक्सीनेशन ड्राइव को लॉन्च कर दिया था.
पुतिन ने पिछले वर्ष वैक्सीन के बारे में ऐलान करते हुए कहा था कि जल्द ही देश भर में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
स्पूतनिक V 91.6 फीसदी तक प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है. अभी तक अमेरिका में बनी फाइजर और और मॉडर्ना की वैक्सीन में ही 90 फीसदी तक की प्रभावशीलता देखी गई है.
वही भारत में पहले से इस्तेमाल हो रही कोवैक्सिन की प्रभावशीलता 81 फीसदी है जबकि कोविशील्ड की प्रभावशीलता 80 फीसदी तक है.
अब स्पूतनिक V भारत की वो इकलौती वैक्सीन बन जाएगी जिसकी प्रभावशीलता 90 फीसदी से ज्यादा है.