COVID19 home testing: भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे सिस्टम को लाचार कर दिया है.
बीते 3 दिन के आंकड़े देखें तो भी देश में रोज 2.50 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.
हालांकि, बीते एक हफ्ते में हालत थोड़ी बेहतर हुई है.
कोरोना महामारी में सरकार के सामने एक चुनौति टेस्टिंग को लेकर भी है.
अब सरकार ने ट्रेस्टिंग के जरिए अधिक से अधिक ट्रैक करने के लिए बड़ी पहल की है.
जिसमें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोविड-19 होम टेस्टिंग किट मंजूरी दे दी है.
ICMR के DG डॉ. बलराम भार्गव ने 20 मई को कहा कि अगले 3-4 दिन में होम टेस्टिंग किट बाजार में उपलब्ध हो जाएगी.
डॉ. भार्गव ने बताया कि कोविड19 Home testing के लिए एक कंपनी पहले ही अप्लीकेशन दे चुकी है.
3 कंपनियां पाइपलाइन में है.
अगले एक हफ्ते में हमारे पास इसके लिए तीन और कंपनियां होंगी.
अब असल सवाल यह है कि home testing कैसे करें, आइए इसे 4 सिंपल स्टेप्स में समझते हैं.
आईसीएमआर के मुताबिक, home testing का इस्तेमाल वही लोग करें जिनमें कोरोना के लक्षण हैं या वो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हों.
वहीं बार-बार टेस्ट नहीं करने की भी सलाह दी गई है.
अब अगर आप होम टेस्टिंग करना चाहते हैं तो सबसे पहले इसे केमिस्ट शॉप से खरीदना होगा.
दूसरे स्पेप में आपको एक मोबाइल ऐप (Mylab Covisself) डाउनलोड करना होगा.
यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है.
तीसरे स्टेप में आपको बताए गए निर्देशों के मुताबिक टेस्ट करना होगा.
इसके बाद चौथे और आखिरी स्टेप में आपको टेस्ट की फोटो खींचकर ऐप में अपलोड करनी होगी.
इसके बाद आपको टेस्ट रिजल्ट मिल जाएगा.
सरकार ने आंकड़े जारी कर बताए हैं कि कोविड19 टेस्टिंग एक चुनौती है. दरअसल, सरकार में कोविड19 के मामले में काफी तेजी है.
रोज 2.5 लाख से ज्यादा मामले हैं. कई दिनों तक मामले रोज 4 लाख से भी ज्यादा आए हैं.
सरकारी आंकड़ों में बात करें तो 13-19 मई के सप्ताह में पॉजिटिविटी रेट 15 फीससदी रही.
अभी चुनौती शुरुआती टेस्टिंग, आइसोलेशन और होम केयर को लेकर है, जिससे कि संक्रमण फैलने से रोका जा सके. इसके लिए जरूरी है कि टेस्टिंग अधिक से अधिक की जाए.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी आरअीपीसीआर टेस्टिंग की क्षमता हर दिन करीब 12-13 लाख के बीच है.
वहीं, रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की क्षमता करीब 17 लाख रोज की है.
टेस्टिंग डिमांड को पूरी करने के लिए जांच लेबोरेट्रीज चौबीसों घंटे काम कर रही हैं.
यहां यह बता दें, कि लेबोरेट्री कर्मचारियों को भी संक्रमण हो रहा है, बावजूद इसके टेस्ट क्षमता को बनाए रखा गया है.