डिपकोवैन(Dipcovan) से पता चलेगा आपके शरीर में कितनी एंटीबॉडी है,जून के पहले हफ्ते में प्रोडक्ट बाजार में.
नई दिल्ली: DIPCOVAN एंटीबॉडी डिटेक्शन किट DRDO मे अब कोरोना से लड़ने के लिए भी तैयार की है.
DRDO को कोरोना के खिलाफ जंग में 2-डीजी जैसी दवा बनाने के बाद एक अहम कामयाबी मिली है.
इसे दिल्ली के वैनगार्ड डायग्नॉस्टिक्स (Vanguard Diagnostics) के सहयोग से विकसित किया गया है.
DIPCOVAN किट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी या प्लाज्मा है या नहीं.
फिलहाल इस किट को 1000 से ज्यादा मरीजों पर टेस्ट किया जाएगा.
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ICMR ने इसे अप्रैल महीने में ही मंजूरी दे दी थी वहीं DCGI भी इसे मई के महीने में ही मंज़ूरी दे चुका है.
जानकारी के मुताबिक जून के पहले हफ्ते में यह प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च हो जाएगा.
DRDO develops COVID-19 antibody detection kit DIPCOVAN. The kit can detect spike as well as nucleocapsid (S&N) proteins of SARS-CoV-2 virus.#AtmanirbharBharat https://t.co/ubsrYIxGyo pic.twitter.com/B356vaeKYG
— DRDO (@DRDO_India) May 21, 2021
DIPCOVAN टेस्ट की कीमत 75 रुपये होगी.
बता दें कि डीपकोविन, स्पाइक और नुक्लेओकैप्सिड प्रोटीन को भी डिटेक्ट कर सकता है,
वो भी 97 फीसदी की उच्च संवेदनशीलता और 99 फीसदी की विशिष्टता के साथ.
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DIPCOVAN किट का निर्माण डीआरडीओ(DRDO) ने किया है.
इस किट को 1000 से ज़्यादा मरीजो पर टेस्ट किया जाएगा.
कोरोना के खिलाफ जंग में इसे अहम माना जा रहा है.
वैक्सीनेशन के समय भी इसकी जानकारी से जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे.
DRDO की कोरोनारोधी दवा 2-डीजी को 17 मई को लॉन्च किया गया था.
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DRDO के अनुसार 2-डीजी दवा कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत को कम करेगी.
कोरोना के मध्यम और गंभीर मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी),
दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) की ओर से मंजूरी मिली थी.
रक्षा मंत्रालय ने 8 मई को कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता,
चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है.