CM Mamta Banerjee पर जे पी नड्डा ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने का लगाया आरोप
नई दिल्ली: CM Mamta Banerjee पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आरोप लगाया कि चक्रवात ‘‘यास’’ से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से गैरहाजिर रहीं और ऐसा करके उन्होंने ‘‘संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या’’ की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चक्रवात यास प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
PM @narendramodi undertook an aerial survey to review the situation in the wake of Cyclone Yaas.
The aerial survey covered parts of Odisha and West Bengal. pic.twitter.com/vo0hX6NDTK
— PMO India (@PMOIndia) May 28, 2021
सूत्रों के मुताबिक जब पीएम पश्चिम बंगाल पहुंचे तो वहां पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोई नहीं था.
CM Mamta Banerjee और राज्य के मुख्य सचिव एक ही परिसर में मौजूद थे, लेकिन उस दौरान पीएम से मिलने कोई नहीं आया.
पीएम मोदी कलाईकुंडा पहुंच गए थे, लगभग 30 मिनट बाद सीएम ममता वहां पहुंचीं और पीएम को कागजात सौंपकर चली गईं.
After having review meetings in Hingalganj & Sagar, I met the Hon’ble PM in Kalaikunda & apprised him regarding the post-cyclone situation in WB. The disaster report has been handed over for his perusal. I’ve proceeded now to review the relief & restoration work at Digha.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 28, 2021
भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने ममता बनर्जी पर प्रधानमंत्री के पद का अपमान करने का आरोप लगाया है.
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भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि
प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को ‘‘बहुत पवित्र’’ मानते हुए उसका पालन करते हैं और
लोगों को राहत देने के लिए दलगत भावना को पीछे छोड़ सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं
लेकिन अप्रत्याशित तरीके से ममता की नीति एवं क्षुद्र राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है.\
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उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं
तो उचित होता कि ममता जी लोगों के कल्याण के लिए अपने अहम को विसर्जित कर देतीं.
CM Mamta Banerjee का प्रधानमंत्री की बैठक से नदारद होना संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या है.
भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी के निकट सहयोगी रहे सुवेंदु अधिकारी ने कहा,
”सहकारी संघवाद के भारत के लंबे समय से चले आ रहे लोकाचार के लिए आज एक काला दिन है,
ममता बनर्जी ने एक बार फिर दिखाया है कि वह पश्चिम बंगाल के लोगों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशील हैं.”
सुवेंदु ने कहा, ”ममता दीदी ने पीएम के साथ जिस तरह का व्यवहार किया,
वह उनके तानाशाही स्वभाव और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है.
पश्चिम बंगाल की बेहतरी के लिए पीएम के साथ काम करने की बजाय वह ओछी राजनीति कर रही हैं.
उनका बैठक में शामिल न होना निंदनीय है.”