GB Pant Hospital nurses को शनिवार को सर्कुलर जारी करके अपने स्टाफ को काम के दौरान Malayalam का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था.
नई दिल्ली:GB Pant Hospital nurses बातचीत के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का इस्तेमाल करें.
गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा जारी सर्कुलर में नर्सों से कहा गया था
कि वे कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें.
रविवार को अस्पताल प्रशासन ने अपने इस विवादित फैसले को वापस ले लिया.
अस्पताल की नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ने 5 जून को जारी किया है.
GB Pant Hospital के सर्कुलर में कहा गया है कि स्टाफ ड्यूटी के समय मलयालम भाषा में बात न करे.
क्योंकि इससे बहुत असुविधा होती है. ज्यादातर मरीज और अन्य स्टाफ इस भाषा को नहीं जानते हैं.
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दरअसल GIPMER में कार्यस्थल पर मलयालम भाषा में बातचीत की शिकायत मिली थी.
इसमें कहा गया था कि ज्यादातर मरीज और अस्पताल के सहकर्मी मलयालम भाषा को नहीं जानते हैं.
इस भाषा में बातचीत से वो असहाय महसूस करते हैं. इससे बहुत असुविधा होती है.
इसलिए सभी नर्सिंग स्टाफ को बातचीत केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करने का निर्देश दिया जाता है.
अन्यथा गंभीर कार्रवाई की जाएगी.
इसके बाद रविवार को अस्पताल प्रशासन ने अपने इस विवादित फैसले को वापस ले लिया.
प्रशासन का कहना है कि यह सर्कुलर बिना उसकी जानकारी के जारी हुआ था.
Delhi’s Govind Ballabh Pant Institute of Post Graduate Medical Education & Research withdraws its circular directing nursing staff to communicate only in Hindi/English & disallowing use of Malayalam language. Hosp administration says circular was issued without their information. https://t.co/q0i6gMqO0o
— ANI (@ANI) June 6, 2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी.
कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद Rahul Gandhi ने ट्वीट किया,
मलयालम किसी भी अन्य भारतीय भाषा की तरह भारतीय है. लैंग्वेज डिस्क्रिमिनेशन बंद करो.
Malayalam is as Indian as any other Indian language.
Stop language discrimination! pic.twitter.com/SSBQiQyfFi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2021
उनका कहना है कि मलयालम भी उतनी ही भारतीय है, जितनी कि कोई अन्य भाषा है.
भाषा के नाम पर भेदभाव बंद किया जाना चाहिए.
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Shashi Tharoor ने भी नाराजगी व्यक्त की थी.
उनका कहना है, ‘यह चौंकाने वाली बात है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई सरकारी संस्था,
अपने नर्स स्टाफ से कहता है कि वे उन लोगों से भी अपनी मातृभाषा में बात न करें, जो उन्हें समझते हैं. ये अस्वीकार्य है.
यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
It boggles the mind that in democratic India a government institution can tell its nurses not to speak in their mother tongue to others who understand them. This is unacceptable, crude,offensive and a violation of the basic human rights of Indian citizens. A reprimand is overdue! pic.twitter.com/za7Y4yYzzX
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 5, 2021
जीबी पंत नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष लीलाधर रामचंदानी ने दावा किया था कि यह एक मरीज द्वारा स्वास्थ्य विभाग,
के अधिकारी को अस्पताल में मलयालम भाषा के इस्तेमाल के संबंध में भेजी गई,
शिकायत के अनुसरण में जारी किया गया है.0
उन्होंने हालांकि कहा कि एसोसिएशन परिपत्र में इस्तेमाल किए गए शब्दों से असहमत है.
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