Paras Hospital के मालिक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.मामला तूल पकड़ते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हॉस्पिटल को सीज करने के आदेश
आगरा: पारस हॉस्पिटल (Paras Hospital) दो दिनों से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.
अस्पताल के मालिक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,
जिसमें वह अपनी करतूतों के बारे में बता रहा है.
मामला तूल पकड़ते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है
उन्होंने पारस हॉस्पिटल को सीज करने के आदेश दिए हैं.
वायरल ऑडियो में संचालक ये कहते हुए सुना जा सकता है.
पारस अस्पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कुछ ऐसा कहते सुनाई दे रहे हैं. मामला उस वक़्त का है जब अप्रैल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी.
वायरल वीडियो में डॉक्टर अरिंजय सिंह बता रहे हैं कि उनके अस्पताल में उस दिन कोरोना के 96 मरीज़ भर्ती थे.
ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से उन्होंने तीमारदारों से कहा कि वे अपने मरीजों को कहीं और ले जा सकते हैं,
लेकिन चूंकि कहीं भी ऑक्सीजन नहीं थी इसलिए कोई अपने मरीज़ को शिफ्ट करने को तैयार नहीं हुआ.
इसके बाद डॉ अरिंजय यह बताते हैं कि मरीज़ ज़्यादा थे और ऑक्सीजन कम तो उन्होंने ऑक्सीजन का मैनेजमेंट कैसे किया.
इस पर वायरल वीडियो में उनकी बातचीत का टेक्स्ट इस तरह है:
डॉ अरिंजय: “जो भी पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे,नहीं जाएंगे. मैंने कहा कोई नहीं जा रहा है. दिमाग मत लगाओ छोड़ो. अब वो छांटो जिनकी (ऑक्सीजन) बंद हो सकती है.”
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स: “जो बिल्कुल ही डेड लाइन पर हैं. ”
डॉक्टर अरिंजय : “एक ट्रायल मार दो. मॉक ड्रिल कर के देख लो कि कौन सा मरेगा,कौन सा नहीं मरेगा ?’
डॉ के सामने बैठा शख्स : “सही बात है,सही बात है.”
डॉ अरिंजय : “मॉक ड्रिल करी. सुबह सात बजे मॉक ड्रिल हुई. किसी को पता नहीं है कि मॉक ड्रिल कराई. सुनकर के सबकी, छंट गए 22 मरीज़. नीले पड़ने लगे. ”
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स : “22 मरीज़ छंट गए भाई साहब ?”
अरिंजय:”22 मरीज़ छंट गए कि ये मरेंगे.”
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स :”ओह भाई साहब, कितनी देर के लिये मॉक ड्रिल करी ?”
अरिंजय :”पांच मिनट के लिए. ”
डॉक्टर के सामने बैठा शख्स :”पांच मिनट में 22 मरीज़ ?मॉक ड्रिल हुए,हुए.”
अरिंजय : “नीले पड़ने लगे, 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा.”
डॉक्टर के सामने बैठ शख्स : ” सही बात है. ”
डॉक्टर अरिंजय : “फिर 74 से कहा कि अपना सिलेंडर लाओ.”
वीडियो वायरल होने के बाद जब मीडिया ने पारस अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि किसी मरीज़ की ऑक्सीजन बंद नहीं की गई,
बल्कि ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से उसका बेहतर मैनेजमेंट करने के लिए,
ऑक्सीजन के फ्लो मीटर से चेक किया गया कि किस मरीज़ को कितनी ऑक्सीजन की ज़रूरत है.
इसके लिए मरीजों की अलग-अलग कैटेगरी बनाई गईं.
आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए उसकी जांच कराई जाएगी.
इस पूरे प्रकरण में सबसे गंभीर बात डॉ अरिंजय की बातचीत का वो हिस्सा है
जिसमें वो कोरोना के मरीजों के साथ 5 मिनट के लिए मॉकड्रिल करने की बात कहते हैं,
ये भी कहते हैं कि 22 मरीज़ छंट गए.
वे मरीज़ नीले पड़ने लगे. पता चल गया कि ये मर जाएंगे.
मरीज़ को लगी ऑक्सीजन का प्रेशर उसके फ्लो मीटर से पता चलता रहता है.
उसके लिए कौन-सी मॉक ड्रिल की गई ?और क्यों की गई?
यह उन्होंने नहीं बताया.
उन्होंने ये भी नहीं बताया कि उस मॉकड्रिल में ऐसा क्या किया गया जिससे 22 मरीज़ नीले पड़ने लगे?